नरैनी कोतवाली अंतर्गत आने वाले 1 मोहल्ले में 22 जुलाई को एक 4 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया था। उस समय इस घटना को लेकर काफी हंगामा हुआ था पुलिस ने भी काफी तहकीकात की थी लेकिन 2 महीने के अंदर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आना और सजा हो जाना चौका देने वाली बात लग रही है।
कवरेज के दौरान जासूसी में पीड़ित के पिता बताते हैं कि जिस समय उनकी लड़की के साथ घटना हुई थी उसी दिन उन्होंने रात में ही एफ आई आर दर्ज कराई थी। पुलिस ने कड़ी कार्यवाही और छानबीन के साथ आरोपी को जेल भेजा था इसके बाद लड़की के बयान हुए थे, मेडिकल हुआ था और फिर मामला कोर्ट में चला गया था। 5 सितंबर को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ और 29 सितंबर को फैसला आ गया है।
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पिता की बात से जासूसी में निकल कर आया कि छोटी बच्ची का मामला था, इसलिए इतनी जल्दी फैसला आ गया। उनके पास न ही कोई राजनैतिक सपोर्ट था और ना ही पैसा था पर हां पुलिस का काफी अच्छा सहयोग रहा। जो जो डाक्यूमेंट्स मांगे गए वो देते गए। उनके वकील द्वारा उन्हें यह भी जानकारी मिली है कि फैसले के दौरान आरोपी के परिवार वाले झगड़ा करने लगे थे लेकिन पुलिस द्वारा शांत कराया गया क्योंकि वह डाक्यूमेंट्स में साइन नहीं कर रहे थे।
पीड़ित परिवार बताता है कि अभी भी उन्हें डर है क्योंकि जिस मोहल्ले में वह रहते हैं वो मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है लेकिन उनकी कोशिश यही है कि जिस रास्ते से आरोपी जाते हो वहां से वो लोग न निकले उनके सामने ना आए। पसरकारी आदमी भी नहीं है कि उनको हमेशा सुरक्षा मिली रहेगी लेकिन हां वह अपना बचाव करेंगे और जो भी उन्हें ऐसे कुछ लगेगा पुलिस को बताएंगे।
आसपास रह रहे लोगों की मानें तो आरोपी को गलत फंसाया जा रहा है और धर्म के नाम पर ज़बरदस्ती मुस्लिम समुदाय को टारगेट किया जा रहा है।
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POCSO कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता कमल सिंह गौतम बताते हैं कि फैसला बहुत ही अच्छा आया है। यह एक ऐतिहासिक फैसला है और इससे एक अच्छा संदेश जाता है समाज में इस तरह की घटना करने वालों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर इसी तरह जल्द फैसले आते रहे तो लोगों में डर रहेगा इस तरह की घटनाओं में रोक लगेगी।
बता दें कि आरोपी को 22 साल की सज़ा हुई है और 40 हजार रुपये जुर्माना भरना है जिसमें से 20 हज़ार रुपये पीड़ित के खाते में दिए जाएंगे।
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