खबर लहरिया Blog पूर्व प्रधान ने शमशान घाट की ज़मीन दी पट्टे पर, अधिकारी कहते शमशान घाट हेतु 5 हज़ार की आबादी ज़रूरी

पूर्व प्रधान ने शमशान घाट की ज़मीन दी पट्टे पर, अधिकारी कहते शमशान घाट हेतु 5 हज़ार की आबादी ज़रूरी

दलित बस्ती के पास एक तालाब है, वहां पर भी लोग दाह संस्कार करते हैं। तालाब के पास में ही एक हैंडपंप भी है। ऐसे में जब कोई यहां पानी भरने आता है तो उन्हें न चाहते हुए भी चिताओं को जलते हुए देखना पड़ जाता है।

Former head gave land of cremation on lease to people, official says population of 5 thousand is necessary for cremation ground

महोबा : गांव में शमशान घाट नहीं है, ऐसे में अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो लोगों को उनका अंतिम संस्कार खेतों में करना पड़ता है। एक तरफ ग्रामीणों को अपने मृतक परिजन का शोक रहता है तो वहीं दूसरी ओर उन्हें इस बात की चिंता सताये रहती है कि वह उनका अंतिम संस्कार कहां करेंगे। ऐसे में जिले के ब्लॉक कबरई, ग्राम पंचायत अटघार के लोगों की मांग है कि उनके गांव में शमशान घाट बनाया जाए।

यह भी बता दें कि गांव में शमशान घाट के लिए ज़मीन चिन्हित है फिर भी काम पूरा नहीं किया गया है।

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क्या कहते हैं ग्रामीण?

ग्रामीण नत्थू कहते हैं, गांव में लगभग दो हज़ार वोटर हैं जिसमें से लगभग चार सौ हरिजन वोटर, साढ़े पांच सौ पाल हैं और बाकी अन्य बिरादरी के हैं। इसके बावजूद भी गांव में शमशान घाट नहीं है। लोगों ने ब्लॉक स्तर पर भी मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद तहसील में लेखपाल से भी कहा कि ग्राम समाज में ज़मीन पड़ी है, उसे शमशान घाट के लिए नापी जाए ताकि लोग वहां दाह संस्कार कर सके। सुझाव के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया।

दलित बस्ती के पास एक तालाब है, वहां पर भी लोग दाह संस्कार करते हैं। तालाब के पास में ही एक हैंडपंप भी है। ऐसे में जब कोई यहां पानी भरने आता है तो उन्हें न चाहते हुए भी चिताओं को जलते हुए देखना पड़ जाता है क्योंकि उस तरफ न चाह कर भी उनकी नज़र पड़ जाती है।

राष्ट्रीय ग्राम समाज उत्थान के तहत बन रहे शमशान घाट

अटघार गांव के व्यक्ति ने बताया कि अब सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्राम समाज उत्थान के तहत मनरेगा और राज्य वित्त से ग्राम पंचायतों में श्मशान घाट बनवाए जा रहे हैं। उन्होंने कई गांव में देखा है जिसमें टीन सेट बाउंड्री और पानी की व्यवस्था भी होती है। सार्वजनिक श्मशान घाट होने से गांव में लोगों को दाह संस्कार करने की भी सुविधा भी रहती है लेकिन उनके गांव में यह सुविधा नहीं है।

शमसान घाट की ज़मीन है चिन्हित

Former head gave land of cremation on lease to people, official says population of 5 thousand is necessary for cremation ground

                                                                       ग्राम पंचायत अटघार का तालाब 

गांव में चार जगह दाह संस्कार के लिए ज़मीन चिन्हित है लेकिन लोगों के अनुसार इन ज़मीनों को पूर्व प्रधान द्वारा लोगों को पट्टे पर दे दिया गया है। यह है वे
जगहें :-

– ठाकुर समाज के दाह संस्कार के लिए खजुआ तालाब चिन्हित है

– कुशवाहा समाज के लिए बथुआ तालाब

– दलित समाज हेतु मोहनिया तालाब

– बड़ा तालाब सार्वजनिक दाह संस्कार स्थल है, लेकिन वहां जाने के लिए रास्ता नहीं है।

इसके आलावा लोगों का कहना है कि बारिश के समय उन्हें दाह संस्कार में सबसे ज़्यादा परेशानी आती है।

गांव के पूर्व प्रधान नन्नू सिंह जोकि तकरीबन 40 सालों से प्रधानी कर रहे थे, लोगों के अनुसार उनका गांव वालों में इतना डर था कि वह अधिकारीयों को अपनी समस्या भी नहीं बता पता थे। यही कारण था कि आज तक उनके गांव में शमशान घाट नहीं बन पाया।

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शमशान घाट के लिए 5 हज़ार की आबादी ज़रूरी

गांव की प्रधान कुसमा के भतीजे बृजेन्द्र ने खबर लहरिया को बताया कि वह पूरी कोशिश करेंगे। कमिश्नर को भी पत्र लिखकर दिया गया है कि शमशान घाट की जगह है, उसकी नाप कराई जाए। आगे कहा कि नाप के लिए ग्राम समाज की काफी ज़मीन पड़ी है।

वहीं लेखपाल बहादुर सिंह का कहना है कि गांव में शमशान घाट की ज़मीन तीन महीने पहले ही नाप दी गयी थी। इसके आलावा गांव में ग्राम समाज की बहुत कम ज़मीन बची है। जो ज़मीन थी उसे पूर्व प्रधान नन्नू सिंह ने लोगों के पट्टे कर दिए थे। दो जगह शमशान घाट के लिए ज़मीन चिन्हित है जो लगभग 1 बीघा का है। एक शमशान घाट और है जो पूर्व में है लेकिन थोड़ा-सा बना हुआ है और दूसरा पश्चिम की ओर है।

सचिव ओम तिवारी ने कहा कि हमारे कार्ययोजना में शमशान घाट के लिए प्रस्ताव पड़ा है लेकिन पहले प्राथमिकता उन गाँवो को दी जायेगी जहां की आबादी 5 हज़ार से अधिक है। इसके आलावा पैसे डीएम निर्धारित करता है। वहीं अटघार गांव में फ़िलहाल शमशान घाट नहीं बन सकता क्योंकि गांव की आबादी कम है।

ऐसे में आखिर ग्रामीण क्या करें? अपने गांव की आबादी 5 हज़ार करे या फिर जैसा चल रहा है वैसा ही सब कुछ चलते रहने दे?

इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है। 

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