छतरपुर जिले की रहने वाली मरजीना बानो, एक मुस्लिम महिला हैं और पिछले 3 सालों से एक गौशाला चला रही हैं। वे गौशाला चलाकर समाज में भाईचारे का संदेश देने का कार्य कर रही हैं जो गंगा जमुना तहजीब से जुड़ा हुआ है। जब गाय उनके द्वार पर आती थी तो मरजीना उन्हें खाना खिलाती थी। धीरे-धीरे उन्हें यह करना अच्छा लगने लगा जैसे वह अपने बच्चों को पाल रही हों। तबसे मरजीना ने अपने घर के द्वार पर ही गौ सेवा शुरू कर दी। इस कार्य को वह लॉकडाउन के समय से कर रही हैं।
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उनका कहना है कि उन्होंने एक मोबाइल व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है, जिसमें वे लोग शामिल हैं जो इच्छुक हैं और अगर किसी को 10 या 20 रुपये देने की ज़रूरत होती है तो वे उन्हें दे देते हैं, जो उनकी सेवा के लिए उपयुक्त होते हैं। अगर किसी के पास इतनी राशि नहीं होती है, तो वे जो भी संगठन द्वारा जमा होता है, उसे इनकी सेवा के लिए उपयोग करती हैं।
वर्तमान में उनकी गौशाला में 40 गायें हैं और यहां पर गायों के लिए खाने की व्यवस्था, दवाइयां, इंजेक्शन बोतल और अन्य सामग्री उपलब्ध हैं। यदि किसी गाय को कोई बीमारी होती है, तो वे उनका इलाज भी करवाती हैं। वहीं अगर किसी गाय की मृत्यु हो जाती है, तो वे उसका अंतिम संस्कार भी अच्छे से करती हैं।
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