मौसम में हो रहे बदलवा की वजह समुद्र से उठती हलचलों को माना जा रहा है। अनुमान यह लगाया जा रहा है कि आगे यह हलचल और भी देखने को मिल सकती है जिससे मौसम में हर बार फेरबदल देखा जा सकता है।
पल भर में मौसम के बदलते रूप ने जलवायु परिवर्तन की तरफ एक बार फिर लोगों का ध्यान केंद्रित कर दिया है। एक तरफ जहां मार्च की शुरुआत से भीषण गर्मी और लू देखने को मिली, यहां तक की तेज़ गर्मी से महाराष्ट्र में कई लोगों की मौत होने के मामले भी सामने आये। इस बीच यह देखा गया कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह से मई की शुरुआत में मौसम ने इस तरह से करवट ली कि मौसम पूरी तरह से ठंडा हो गया और तापमान में भी गिरावट दर्ज़ की गयी।
इतना ही, देश की राजधानी दिल्ली में आज कई इलाकों में लोगों ने कोहरा भी देखा। मई के महीने में जहां भीषण गर्मी पड़ती है, वहां लोग कोहरे व ठण्ड का अनुभव कर रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, कोहरे के बाद आज भी दिल्ली में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। वहीं अगर हम तापमान की बात करें तो न्यूनतम तापमान 20 डिग्री और अधिकतम तापमान 31 डिग्री दर्ज़ किया जा सकता है।
A thick layer of fog enveloped parts of the national capital today morning.
(Visuals from Ashram) #DelhiRains #DelhiWeather pic.twitter.com/GXSecqOPvS
— Mirror Now (@MirrorNow) May 4, 2023
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दिल्ली के मौसम पर मौसम वैज्ञानिक
मौसम वैज्ञानिक नवदीप दहिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, नई दिल्ली में आज सुबह न्यूनतम तापमान 15.8°c दर्ज किया गया। यह मई की शुरुआत में सबसे ठंडा दिन है। इसके साथ ही यह 2 मई 1969 में दर्ज़ किये सबसे कम मासिक रिकॉर्ड 15.2 डिग्री सेल्सियस के बहुत करीब आ गया है। इसके आलावा सतह पर दृश्यता 200 मीटर के रूप में दर्ज की गई है।
New #Delhi recorded a minimum temperature of 15.8°c this morning, this is one of the coolest May beginning, it came very close to the all time lowest monthly record of 15.2°c from 2nd May 1969.#Ridge observatory even saw a low of 14.2°c today!
The surface visibility is recorded…— Weatherman Navdeep Dahiya (@navdeepdahiya55) May 4, 2023
आगे कहा, दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, नॉएडा, गाज़ियाबाद, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, झज्जर, भिवानी, हरियाणा आदि जगहों पर कोहरा अत्याधिक नमी, शांत हवा व 18 डिग्री से नीचे तापमान होने की वजह से देखा गया।
Moderate ~ Dense #Fog over various parts of #Delhi #Gurgaon #Faridabad #Noida #Ghaziabad #Sonipat #Panipat #Rohtak #Jhajjar #Bhiwani in #Haryana caused by excessive moisture, calm winds & temperature under 18°c
Very rare for May as visibility is reduced to NIL in the outskirts. pic.twitter.com/Rexfoqg8cB— Weatherman Navdeep Dahiya (@navdeepdahiya55) May 4, 2023
मौसम बदलने की वजह
बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, बदलते मौसम की वजह से दक्षिण भारत से लेकर पूर्वी, मध्य और उतरी भारत में 29 अप्रैल से लेकर 2 मई तक लगभग सभी राज्यों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जा रहा है। कहा गया, इसकी वजह से उत्तर पश्चिमी भारत में बर्फ़बारी तो हो ही रही है लेकिन इसके साथ-साथ मैदानी इलाकों और मध्य और पूर्वी भारत में तेज़ आंधी के साथ-साथ ओलावृष्टि भी देखने को मिली है।
बदलते मौसम को लेकर रिपोर्ट में आगे कहा गया, इन दिनों मैदानी इलाक़ों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है लेकिन इस साल कुछ इलाकों में मई के पहले हफ्ते से ही ठण्ड महसूस हो रही है। मौसम में हो रहे बदलवा की वजह समुद्र से उठती हलचलों को माना जा रहा है। अनुमान यह लगाया जा रहा है कि आगे यह हलचल और भी देखने को मिल सकती है जिससे मौसम में हर बार फेरबदल देखा जा सकता है। यह भी कहा गया कि पूरी पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और इस बार अधिक तापमान भी महसूस हो रहा है।
9 मई तक नहीं आएगी गर्मी की लहर
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र कुमार जेनामनी ने बीबीसी से बातचीत में बताया, बातचीत करते हुए कहा कि वैसे तो इस महीने की 9 तारीख तक देश के किसी भी हिस्से में गर्मी की लहर नहीं चलेगी क्योंकि इस बार ‘पश्चिमी विक्षोभ’ रह रह कर पैदा हो रहा है जिसके प्रभाव में भारत के कई राज्य आ रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, “वर्ष 2020 में भी ऐसी ही परिस्थिति हुई थी जब अप्रैल और मई महीनों में गर्मी की लहर वैसी नहीं थी जैसी हुआ करती है। अब तक 5 बार ‘पश्चिमी विक्षोभ’ पैदा हुआ है जिसकी वजह से तापमान गिरा है और बारिश हो रही है।”
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में इस महीने के मध्य तक इस तरह के ‘पश्चिमी विक्षोभ’ नौ बार और पैदा होंगे।
मौसम में हो रहे लगातार बदलाव का असर हिमालय पर भी पड़ रहा है, जिसकी वजह से ग्लेशियर के तेज़ी से पिघलने की बात वैज्ञानिकों को परेशान कर रही है।
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