उत्तर प्रदेश बांदा जिला के जसपुरा ब्लॉक के अमारा गांव की रहने वाली शकुंतला देवी का आरोप है उनके खेत मे अवैध रूप से बालू खनन माफिया द्वारा मुख्य सड़क बनाई गई है। उसका कहना है कि कई बार उसने पैलानी तहसील में जाकर अधिकारी को अपने खेत का रकबा (क्षेत्रफल) निकालने को कहा। लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया गया।
शंकुन्तला देवी का कहना है या तो उसका रकबा नंबर निकाला जाए या तो उसका मौजा (खेत) वापस दिलाया जाए, नहीं तो वह अपने परिवार के साथ आत्महत्या कर लेंगी। उनका कहना है कि खेती के ज़रिए ही वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर पाती हैं। अब तो उनसे यह भी छिन गया है।
इस मामले में पैलानी रामकुमार का कहना है कि अमारा गांव की शकुंतला देवी के ज्ञापन के बारे में जानकारी मिलते ही, उन्होंने लेखापालों को उनका रकबा नंबर देने के लिए आदेश दे दिया था। जिसमें उनका रकबा नंबर 286 दिया गया है।
लेकिन फिर भी यह सवाल बना रहता है कि अगर बालू खनन माफिया ने अवैध रूप से खेत के बीचों बीच सड़क बनवाई तो उसके खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं कि गयी? अगर अवैध काम को पहले ही रोक दिया जाता तो शायद शाकुंतला देवी को इतनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।