उत्तरप्रदेश के बुंदेलखड के महोबा जिले का कबरई और चित्रकूट का भरतकूप एरिया पत्थर तोड़ने और क्रेशर से गिट्टी पीसने के काम में लगभग 70 साल से काफी फेमस चल रहा है| जिसके प्रदुषण से जल जंगल जमीन में बहुत भारी असर पड रहा है| पहाड़ और प्रदुषण का रिश्ता यह बहुत पुराना है यहाँ पर पहाड़ से पत्थर तोड़ने और क्रेशर चलने से वहां काम करने वाले मजदूर आसपास के लोग दूकानदार बराबर प्रेदूषण की मार झेल रही है क्रेशर से निकली धूल के कारण लोगों के स्वास्थ्य में खतरा मडरा रहा है टीवी कैंसर और पथरीयजैसी बडी बडी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं |
पाहाड से पत्थर तोड़ने पर पास की खेतिहर जमीन बंजर हो गई है| जहाँ पर एक समय किसान फसल उगा कर खुशहाल जीवन बिताया करता था| वह खेती अब किसानों ने करनी छोड़ दी हर समय बड़े बड़े पत्थर खेत में गिरते हैं जिससे जान का भी खतरा रहता है| किसानो का कहना है कि कई बार वह लोग विरोध करते हैं और कारवाई भी करते है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती न ही सरकार ने कोई ठोस कार्यवाही बस खाना पुर्ती के नाम पर कुछ दिन के लिए बंद करा दी जिएगी य फिर नोटिस देकर सीज कर दी जाएगी| जब कि मानक के हिसाब से क्रेशर को चलाने का नियम है कि बस्ती से दूर क्रेशर चलनी चाहिए
आसपास चारों तरफ पेड़ पौधे होने चाहिए
महोबा जिले में शोभन सरकार क्रेशर मालिक रणधीर पर चली गोलीचार दिवारी होनी चाहिए बराबर पानी की सिंचाई होती रहनी चाहिए| जिससे इसके प्रदुषण का किसी फर असर न पडे लेकिन कुछ लोग ही मानक के हिसाब से काम करते है कुछ नहीं|
क्रेशर मालिक का कहना है पर्यावरण विभाग ने नोटिस तो दिया लेकिन किस तरह से दिया समझ नहीं आ रहा आज भी कुछ लोगों की क्रेशर चल रही है
कुछ बंद करा दी गई तरीके सबके एक ही हैं|