खबर लहरिया Blog जानलेवा साबित हो रही है स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही

जानलेवा साबित हो रही है स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही

अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए सरकार भले ही दावे कर रही हो लेकिन स्थिति उससे एक दम उलट है। कभी दवा न मिलने की बात सामने आती है तो कभी सड़क पर बच्चा जन्म लेने की बात सामने आती है। मामला चित्रकूट जिला के ब्लाक मऊ गांव छिवलहा मऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है।

अस्पताल में नहीं किया भर्ती महिला की हुई मौत

30 अगस्त को सुनीता नाम की महिला डिलेवरी करवाने गई थी।12 बजे से शाम सात बजे तक भर्ती किये थे।7 बजे के बाद अस्पातल से निकाल दिये की डिलेवरी अभी नही होगी। यहाँ भर्ती करने की व्यवस्था नहीं है। सुनीता को उसने घर पर रात 12 बजे लड़की पैदा हुई इसके बाद दुबारा अस्पातल गई। वहीँ सुनीता की मौत हो गई।

सुनीता के पति दिलीप कुमार का कहना है कि हमारी औरत को यदि अस्पताल में भर्ती किये होते तो मौत न होती। यदि नर्स डाक्टर के बस में नही था तो रिफर कर देते, इस तरह से घटना न होती। हर दिन इसी तरह घटना होती है। ये चौथा बच्चा पैदा हुआ है। लड़की अच्छे से पैदा हुई थी। हमारे तीन बच्चे घर में पैदा हुये तो कुछ नहीं हुआ। इस बार अस्पताल जाने में घटना हुई। हम तो कह रहे हैं कि पूरी तरह से नर्स डाक्टर के लापरवाही से घटना हुई है। यदि भर्ती कर लेते तो शायद आज मेरी बीबी जिन्दा होती।

कौन बनेगा बच्चों का सहारा

सुनीता के पति दिलीप कुमार ने बताया कि हमारे छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं कौन पालेगा इन्हें? हम मजदूरी करने वाले हैं। रोज का कमाते रोज का खाते हैं। यदि हम काम करने चले जायेगे तो बच्चा कौन देखेगा। कभी एम्बुलेंस समय से नही आती तो औरत की मौत हो जाती है। इस तरह से डॉक्टरों का रवैया रहा तो न जाने कितनी मौत हो जायेगी। सरकार एक तरफ से स्वास्थ्य पे करोड़ो रूपये खर्च कर रही है पर गांव में कोई सुधार नहीं हुआ है। उसी तरह स्थिति बनीं हुई है। यदि सरकार ठोस क़दम नहीं उठायेगी तो इसी तरह घटना होती रहेगी।

कब होगा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार

   ऐसे मामले हमेशा देखे जाते हैं की कभी गरीब महिलाओं से डिलेवरी का पैसा मांग करते है तो पैसा न देने पे सही से डिलेवरी नही करवाते हैं । इसी तरह गांव उसरी में जुलाई में बच्चा पैदा करने के लिए आठ सौ रुपया की नर्स मांग की थी, न देने पर महिला की सही डिलेवरी नही करवाई गई। और उसे प्राइवेट अस्पताल ले जाना पड़ा।

मऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधिक्षक डाक्टर शेखर वैश्य का कहना है की सुनीता नाम की महिला डिलेवरी करवाने आयी थी।यहाँ से नर्स ने चेक करके घर भेज दिया गया था।क्योंकि उनकी डेट नहीं हुई थी। अब घर जाकर क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं है।