केरल के कासरगोड मंदिर में मुस्लिमों के लिए सोमवार 4 मार्च को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। जिस तरह से आए दिन ख़बरों में साम्प्रदयिक हिंसा की खबर सामने आती है ऐसे में इस तरह की खबर आना एक सकारात्मक विचार और भाईचारे को दर्शाता है। केरल के इस मंदिर की यह पहल काफी सराहनीय है।
लेखन – सुचित्रा
देश में धर्म को लेकर जिस तरह से हथियार बनाकर लोगों में नफरत भरी जा रही है उस नफरत को प्रेम और एकता में बदलने का काम केरल के इस मंदिर ने किया। आमतौर पर रमजान के महीने में मस्जिद में इफ्तार की पार्टी आयोजित की जाती है, लेकिन इस बार केरल के कासरगोड मंदिर में इफ्तार की पार्टी आयोजित कर लोगों के दिलों को फिर से जोड़ दिया है।
पेरुंकलियाट्टम (मंदिर उत्सव) के अवसर पर आयोजन
ईटीवी भारत की रिपोर्ट के अनुसार, शुरू में केरल के कासरगोड मंदिर में भोजन की व्यवस्था पेरुंकलियाट्टम (मंदिर उत्सव) के लिए की गई थी। बाद में मंदिर के अधिकारियों ने इस प्रसाद की घोषणा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह भोजन मुस्लिमों की इफ्तार के लिए होगा। इस घोषणा से पूरे समुदाय के लिए यह एकता का सन्देश बन गया।
पेरुमकलियट्टम उत्सव के लिए मंदिर समिति ने भोजन तैयार किया और साथ ही मुस्लिम भाइयों को एक साथ अपना उपवास तोड़ने का निमंत्रण दिया था।
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इफ्तार का निमंत्रण 13 मस्जिदों में दिया गया
मंदिर उत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर के.पी. जयराजन ने कहा, “हम लोगों को इफ्तार के लिए आमंत्रित करने 13 विभिन्न मस्जिदों में गए। यह आयोजन एकता की मजबूत पुष्टि थी।”
इसी तरह की पहल अन्य मंदिरों में भी
इस तरह के आयोजन में भाग लेने के लिए अन्य मंदिर जिसमें नीलेश्वरम, पल्लीकारा, केमनमंगलम कज़कम और त्रिक्कारिप्पुर रामविलम कज़कम भी आगे आए। इन मंदिरों में भी इफ़्तार का आयोजन किया गया।
जहां कई राजनीतिक पार्टियां धार्मिक उन्माद फ़ैलाने में लगी हुई है उन्हें इस साकारत्मक पहल से सीखने की आवश्यकता है। धर्म लोगों को जोड़ना सिखाता है न की आपस में बैर करना।
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