शेरगढ़ किला, बहुत ही रहस्य्मयी ढंग से बनाया गया है जिसके बारे में आज भी पता नहीं चल पाया है। इस किले में हज़ारों सुरंगे हैं जो कहां जाकर खत्म होगी, यह भी नहीं कहा जा सकता।
बिहार राज्य अमूमन सरकारी परीक्षा, आर्मी के जवानों व अपने पारंपरिक त्यौहार और सभ्यता के लिए जाना जाता है। इन चीज़ों के आलावा बिहार में काफ़ी पर्यटन स्थल भी हैं जो लोगों में बहुत मशहूर है। वैसे तो बिहार में कई जगहें ऐसी हैं जिसके बारे में पूरी दुनिया जानती है। इसके साथ ही कुछ स्थल ऐसे भी हैं जिनके बारे में लोगों को नहीं पता। इस आर्टिकल में आज हम आपको बिहार के “शेरगढ़ किले” के बारे में बताने जा रहें हैं जो रहस्य और इतिहास से भरी हुई है।
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शेरगढ़ किला : इतिहास और रहस्य
शेरगढ़ किला बिहार के रोहतास जिले के पास स्थित है, जिसे बादशाह शेरशाह सूरी ने बनवाया था। कैमूर की पहाड़ियों पर मौजूद इस किले की बनावट दूसरे किलों से बिल्कुल अलग है। यह किला इस तरह से बनाया गया है कि बाहर से यह किला किसी को भी नहीं दिखता। किला तीन तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है, जबकि इसके एक तरफ दुर्गावती नदी है। इस किले में सैकड़ों सुरंगें और तहखाने हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये सुरंगें कहां खुलती हैं, इसके बारे में आज तक किसी को भी पता नहीं चला। किले के अंदर जाने के लिए एक सुरंग से होकर गुज़रना पड़ता है जो की आपको कुछ समय के लिए इतिहास में होने का अनुभव कराता है। कहते हैं कि अगर इन सुरंगों को बंद कर दिया जाये, तो किला किसी को दिखाई भी नहीं देगा।
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दुश्मनों से बचाव हेतु बनवाया गया शेरगढ़ किला
ऐसा कहा जाता है कि इस शेरगढ़ किले को शेरशाह सूरी ने अपने दुश्मनों से बचने के लिए बनवाया था। इस किले को इस तरह बनवाया गया है कि हर दिशा में अगर दुश्मन कोसों दूर भी रहे तो उसे आते हुए साफ़-साफ़ देखा जा सकता है। वो अपने परिवार और सैनिकों के साथ यहीं पर रहते थें। बताया जाता है कि ये किला सन् 1540 से 1545 के बीच बना है। इन सुरंगों के बारे में सिर्फ शेरशाह सूरी और उनके भरोसेमंद सैनिकों को ही पता था। इस किले से एक सुरंग रोहतास गढ़ किले तक जाती है, लेकिन बाकी सुरंगें कहां जाती हैं, ये किसी को नहीं पता। यह किला अतीत के पन्नों में सर्वश्रेष्ठ हुआ करता था। ऐसा कहा जाता है कि शेरशाह सूरी का परिवार और उनके 10 हज़ार फौजी दस्ता इसी किले में रहा करते थे।
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कैमूर पहाड़ी कहां है ?
कैमूर की पहाड़ी, रोहतास जिले से 114 किलोमीटर दूर बबुआ शहर के पास स्थित है। इस पहाड़ी से गुर्गावती नदी गुज़रती है, जिसके शेरशाह किला यानि शेरगढ़ किला मौजूद है। यह जगह लोगो को खूब आकर्षित करती है। लेकिन अब तक इसे पर्यटन का स्थल नहीं बनाया गया है। इसके पास ही करमचट बाँध भी है।
रोमांच से भरपूर है शेरगढ़ किला
आज शेरगढ़ किला सिर्फ एक खंडहर के रूप में देखने को मिलता है। इसके बाद भी लोगों में इसके इतिहास और वास्तुकला के बारे में जानने का रोमांच कम नहीं हुआ है। आजकल यूट्यूब पर वीडियो बनाने वाले इन जगहों पर अधिकतर रूप में देखें जाते हैं जो यहां की वीडियो बना लोगों को जगह के बारे में रूबरू करवाते हैं।
बता दें, यहां पहुंचने के लिए कोई साधन नहीं है। लोगो को पहाड़ियों पर चढ़ के जाना पड़ता है। कहा जाता है कि बादशाह को अनोखी चीज़े करने का बहुत शौख था इसीलिए उन्होंने इस किले को भी बहुत ही अनोखे तरीके से बनवाया था। वहाँ पर रहने वालों का मानना है कि इस किले में किसी साये का वास है , इस वजह से भी लोग इस जगह पर जाने से कतराते है।
प्राचीन इमारतों से प्रेम रखने वालों को यहाँ एक बार ज़रूर से आना चाहिए।
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