परिवार और दोस्तों से लेकर अजनबी लोगों तक, इंसान पूरे दिन में कम से कम 5000 चेहरों को पहचाने की क्षमता रखता है, ऐसा बुधवार को आई एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों द्वारा कहा गया है।
प्राचीन समय के माध्यम से यह बताया जा सकता है कि इंसान पहले ज़्यादा से ज़्यादा 100 लोगों के समूह में रहा करते थे, जिसका स्वरुप अब की सदी में देखा जाए तो काफी बदला हुआ पाया जाएगा।
यॉर्क के ब्रिटेन महाविद्यालय में, वैज्ञानिकों द्वारा एक जाँच के माध्यम से पता लगाया गया है कि हमारी चेहरा पहचाने की क्षमता, सामाजिक वातावरण जैसे की स्मार्टफोन और टेलीविज़न के ज़रिये सामने आए हुए चेहरों को पहचाने का काम करती है।
‘हम हर दिन जितने भी दोस्तों, सहकर्मियों व प्रसिद्ध लोगों से मिलते या उन्हें देखते हैं तो हम उन्हें उनके चेहरे के माध्यम से ही पहचाना करते हैं।‘ ऐसा मनोविज्ञान विभाग से, रोबिन जेन्किन्स ने ए.एफ.पी (फ्रांस की अन्तराष्ट्रीय संसथान) को कहा है।
एक जाँच के दौरान, जेन्किन्स और उसके साथियों ने सभी भाग लेने वाले लोगों से उनकी निजी ज़िन्दगी में जितने भी चेहरे उनको याद हैं, उनके बारे में लिखने को कहा। और फिर इसी जाँच को आगे बढ़ाते हुए, उन्हें उन चेहरों को याद करने को कहा गया जिनको वो व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते थे। ऐसे ही उन्हें काफी सारे प्रसिद्ध लोगों की तसवीरें भी दिखाई गयी और उनमे से जिन-जिन को भी वो जानते थे, उन्हें पहचाने को कहा गया।
जेन्किन्स ने कहा कि इसके ज़रिये निरिक्षण कर के यह पता लगाया जा सकता है कि इंसान कम से कम 5000 चेहरों को याद रख सकता है।
जेन्किन्स और उनके साथियों का कहना है कि इंसानों की इस क्षमता के ज़रिये चेहरा पहचाने वाले सॉफ्टवेर को और भी ज़्यादा विकसित किया जा सकता है ताकि उनके प्रयोग में कोई भी परेशानी या दिक्कत न आए।