कोरोना महामारी की वजह से मानसिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ा है. इससे निपटने के आसान तरीकों के बारे में जानें
महामारी से हुए नुकसान को कैसे हैंडल करें?
कोरोना की वजह से बहुत से लोगों ने अपनी नौकरियां खोईं और बहुत से लोगों ने अपनों को खो दिया. ऐसे में दुख और परेशानी जो लोगों ने झेली है उससे निपटने के लिए डॉ. पारिख बताते हैं कि,
जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके लिए सबसे जरूरी है सपोर्ट. अगर आपके आस-पास या जान-पहचान में किसी के साथ ऐसी दुर्घटना हुई है, तो अपनी मौजूदगी उन्हें दिखाइए और उन्हें एहसास कराइए कि वो अकेले नहीं हैं.
जॉब जाने के तनाव से खुद को कैसे बाहर निकालें?
डॉ. पारिख का कहना है कि अगर आपकी जॉब चली गई है, तो इसे सिर्फ खुद से जोड़कर ये मत सोचें कि आपमें कोई कमी है, इसलिए ऐसा हुआ, बल्कि इसका कारण बाहरी है. और इस बाहरी कारण यानी महामारी की वजह से आप अकेले नहीं हैं बल्कि दुनियाभर में बहुत से लोगों को इसका सामना करना पड़ा है. इसलिए सकारात्मक रहे.
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महामारी का दंश झेल रहे बच्चों से कैसे करें डील?
स्कूल जाने वाले बच्चे पिछले दो सालों से स्कूल नहीं जा रहे. जो महामारी की शुरुआत में बहुत छोटे थे उनका पूरा 2 साल से ज्यादा समय घर में बीता. ऐसे बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ा है. ऐसे में उन्हें समझाने के लिए डॉ. पारिख कहते हैं. इन बच्चों के जीवन से दो चीजें मिसिंग थीं.
- आउटडोर यानी फिजिकल एक्टिविटीज की कमी
- पीयर टू पीयर इंटरैक्शन यानी नए दोस्त नहीं बना पा रहे थे
इसलिए हमारा फोकस रहना चाहिए कि-
- बच्चे फिजिकल एक्टिविटीज करें
- आर्ट रिलेटेड एक्टिविटीज करें
- सोशल स्किल्स और सोशल एक्टिविटीज करें. नए लोगों से मिलें
टीनएजर्स के लिए डॉ. पारिख ने कहा कि एग्जाम से जुड़ी एंग्जायटी न पालें. क्योंकि कुछ चीजें आपके हाथ में नहीं है. इसलिए, अपनी दिनचर्या ठीक रखें और पढ़ाई करते रहें.
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कैसे निपटें तनाव से और कैसे सही रखें मानसिक स्वास्थ्य?
डॉ. पारिख कहते हैं कि कोरोना की वजह से दिनचर्या, कामकाज के तरीके जैसी बहुत सी चीजों में बदलाव आया है. जिस वजह से लोगों में तनाव आया. लेकिन तनाव का मतलब ये नहीं है कि आप मानसिक रूप से बीमार हैं. ये तो स्वाभाविक है. इससे निपटने के लिए उन्होंने तीन कारगर तरीके बताए.
- दिनचर्या सही रखें
- लोगों से मिले-जुलें और बात करें
- सोच में सकारात्मकता लाएं
फेक खबरों से दूर रहें, पैनिक होने से बचें
डॉ. पारिख कहते हैं कि अगर घर में या आपके किसी खास को कोरोना है तो स्ट्रेस स्वाभाविक है. हालांकि, इस दौरान परेशान होने के बजाय अपना अप्रोच सही रखें और बिना समय की बर्बादी के डॉ. से संपर्क करें. और खुद से कुछ भी करने या सोचने की जरूरत नहीं है. डॉ. की सलाह को ही फॉलो करें.
इसके अलावा, हमें दूसरों को भी इससे निपटने के तरीकों को बताना है और लोगों को इनकरेज करना है कि वो वैक्सीनेशन कराएं. डॉ. पारिख कहते हैं कि सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम फेक और भ्रामक खबरों से दूर रहें. सही जानकारी को सही स्रोत से लें, ताकि पैनिक होने से बचा जा सके.