लेखक न्याया
दोस्तों! पिछली वीडियो में हमनें वोटर आईडी कार्ड के पंजीकरण पर बात की थी , जिसके द्वारा नये वोटर का नाम चुनावी सूची में जोड़ा जाता है। लेकिन क्या किसी व्यक्ति का नाम इस सूची से हटाया जाना संभव है? कि नहीं ?
तो आज की वीडियो में हम समझते हैं कि किसी मतदाता को चुनावी सूची से कैसे हटा सकते हैं।
किसी मतदाता को मतदाता सूची से हटाना संभव है। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मतदाताओं के नाम सूची ड्राफ्ट के साथ एक नोटिस जारी करता है। ताकि आप नोटिस में दिए किसी भी नाम पर आपत्ति कर सकें। यह सूची सभी राजनीतिक पार्टियों को भी भेजी जाती है। इस सूची को मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट, निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी के नोटिस बोर्ड और मतदान केंद्रों पर भी लगाया जाता है।
अब समझते हैं कि इस नोटिस पर आपत्ति दाखिल करना क्या होता है?
अगर आप निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी या बूथ स्तर के अधिकारी को बताना चाहते हैं कि कोई मतदाता जिसे आप जानते हैं वह पते में बदलाव या मतदाता की मृत्यु जैसे किसी भी कारण से उस निर्वाचन क्षेत्र की चुनावी सूची में शामिल नहीं हो सकता है।
तो आपको फॉर्म 7 भरकर आपत्ति दर्ज करनी होगी। इस फॉर्म को भरकर आप किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची हटा सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपके किसी जानने वाले की मृत्यु हो गई है या उसने दो अलग–अलग जगहों पर मतदाता पंजीकरण कराया है, तो आप ये सारी जानकारी फॉर्म 7 में भर सकते हैं। आप अपने निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी के पास जाकर फॉर्म 7 की काॅपी ले सकते हैं। या आप मतदाता सेवा पोर्टल से फॉर्म 7 को डाउनलोड करके या इसे ऑनलाइन भर भी सकते हैं।
चुनाव सूची पर आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा कितनी होती है? यानी आप किस समय सीमा तक अपना नाम चुनाव सूची से हटा सकते हैं।
नोटिस छापने की तारीख से फॉर्म 7 भरकर अपनी आपत्ति दर्ज करने के लिए 30 दिन का समय होता है। आपत्ति आप अकेले या अपने परिवार के सदस्यों की ओर से कर सकते हैं। आप एक बार में एक ही आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।
भारत के सभी कानूनों को आसान भाषा में समझें।
अब जानते हैं, कि फॉर्म को जमा कैसे करना है।
आप निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को खुद से, डाक से या ऑनलाइन फॉर्म जमा कर सकते हैं, लेकिन निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी इस फॉर्म को तब ही संज्ञान में लेगा, जब फॉर्म पर हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान हो। साथ ही फॉर्म दाखिल करने वाले व्यक्ति का नाम शामिल हो। आपत्ति फॉर्म में दी गई कोई भी जानकारी खाली ना हो और “पता नहीं है” जैसी बातें फॉर्म में नहीं लिखी हो।
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी आवेदनों को देखेगा। अगर उसे लगता है कि आपके द्वारा की गई आपत्ति वैध है तो वह इसकी अनुमति दे देगा। लेकिन अगर उसे और ज्यादा जानकारी की जरूरत होगी, तो वह निर्णय लेने से पहले जांच करेगा। वह आपसे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने या आपके द्वारा की गई आपत्ति की जानकारी को साबित करने के लिए सबूत मांग सकता है।
और इस तरह से किसी व्यक्ति का नाम चुनाव सूची से हटाया जाएगा।
दोस्तों, इस वीडियो की जानकारी हमारे सहयोगी संगठन न्याया द्वारा उपलब्ध कराई गई है। आप इस तरह की और जानकारी और भारतीय कानून को समझने के लिए न्याया की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
तो चुनाव से जुड़ी बातों को जानने के लिए खबर लहरिया के साथ बने रहें। धन्यवाद
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