लॉकडाउन में लोग कैसे मना रहे अम्बेडकर जयंती :विश्व रत्न बाबा साहेब के नाम से लोकप्रिय डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक दलित राजनेता, एक समाज पुनरुत्थानवादी होने के साथ साथ एक विश्व स्तर के विधिवेत्ता व भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार थे।हब भीमराव अंबेडकर 129 जन्मोत्सव 14 अप्रैल 2020 को मनाया जाएगा लेकिन बहुत कुछ बदलाव के साथ। अंबेडकर वादियों ने बताया कि लोकडाउन के चलते इस बार किसी भी तरह की रैली या कैंडल मार्च न मनाकर घर में ही दीप और कैंडल जलाकर बाबा साहब का जन्मदिन मनाने की तैयारी जोरों पर है। लोग ऑनलाइन बाबा साहब के विचार शेयर कर रहे हैं। जागरूक कर रहे हैं कि बाहर न निकलें। पिछले सालों में देखा गया कि बाबा साहब की जयंती की पूर्व संध्या पर कैंडल मार्च गाजे बाजे के साथ निकाला जाता था। उनके विचारों और उनके द्वारा रची संविधान में दर्ज हक़ अधिकार और कानून की बात की जाती थी। लोगों से बातचीत के दौरान ये भी पता चला कि इस समय जिस तरह से संविधान में दिए गए हक़ अधिकार और कानून की खुले आम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। अब तो ज्यादातर सत्ता में बैठे लोग संविधान को अपने हिसाब इस्तेमाल कर रहे हैं। ये भी देखने को मिलता है कि जिस संविधान में बाबा साहब ने छुआछूत और भेदभाव जैसी कुरीतियों को खत्म किया। आज क्या वह खत्म हैं, नहीं न। क्योकि सबसे बड़ा उदाहरण है बाबा साहब की जयंती को मनाने वसले लोग। बाबा साहब के संविधान की नज़र में सब बराबर है लेकिन उनके नाम के साथ समुदाय, जाति और धर्म से जोड़ा जाता है।