खबर लहरिया Blog Hit and Run Law: ‘हिट एंड रन’ के नये कानून को लेकर ट्रक ड्राइवर्स का देशभर में विरोध

Hit and Run Law: ‘हिट एंड रन’ के नये कानून को लेकर ट्रक ड्राइवर्स का देशभर में विरोध

‘हिट एंड रन’ के नये नियम के अनुसार, अगर सड़क दुर्घटना के बाद गाड़ी चालक पुलिस को टक्कर या दुर्घटना की सूचना दिए बिना मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की जेल और जुर्माना देना पड़ेगा।

Hit and Run Law: Truck drivers protest across the country against the new law

                                            हिट एंड रन कानून के विरोध में सड़क पर धरना प्रदर्शन करते ट्रक ड्राइवर्स की भीड़

‘हिट एंड रन’ के नये कानून के आने के बाद से ही देशभर के ट्रक ड्राइवरर्स ने विरोध शुरू कर दिया था जिस पर फिलहाल के लिए विराम लगाया गया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ बैठक के बाद, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (एआईएमटीसी) ने नए हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ देशव्यापी ट्रक ड्राइवरों के विरोध को समाप्त करने का फैसला किया – द मिनट की 2 जनवरी की प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने परिवहन निकाय के सदस्यों को आश्वासन दिया कि नए कानून अभी तक लागू नहीं किए गए हैं। यह एआईएमटीसी के साथ परामर्श करने के बाद ही लागू किए जाएंगे।

देश भर में ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन पिछले दो दिनों से नए बिल के प्रावधानों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बिल कहता है कि अगर कोई भी ड्राइवर जो तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है और मौके से भाग जाता है, उसे 10 साल तक की जेल या जुर्माना होगा।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल और चक्काजाम कर दिया है। न सिर्फ ट्रक ड्राइवर बल्कि बस, टैक्सी और ऑटो चालक भी इसका विरोध कर रहे हैं। नए नियम निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू होंगे। उनका कहना है कि नए कानून के प्रावधान कुछ ज्यादा ही सख्त हैं।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य रूप से पश्चिमी और उत्तरी भारत में स्थित लगभग 2,000 पेट्रोल पंपों को ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से ईंधन की कमी का सामना करना पड़ा है।

एआईएमटीसी की बैठक से निकले बिंदु

एआईएमटीसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद, जहां ट्रांसपोर्टरों द्वारा नए बिल को रद्द करने की मांग की गई थी। इसके लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मीडिया से कहा, “हमने बीएनएस 106 (2) में 10 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधानों के बारे में वाहन चालकों के बीच आशंकाओं का संज्ञान लिया है। ) और एआईएमटीसी के प्रतिनिधियों के साथ इस मामले पर विस्तार से चर्चा की।”

एआईएमटीसी के अध्यक्ष मलकीत सिंह बल ने कहा, “हमने मुलाकात की और भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों पर चर्चा की और सभी मुद्दों का समाधान कर लिया गया है। नए कानून अभी तक लागू नहीं किए गए हैं और एआईएमटीसी के साथ परामर्श के बाद ही लागू किए जाएंगे।”

हिट एंड रन कानून पर कांग्रेस

नए बिल के आगमन ने राजनीतिक आग को भी हवा देने का काम किया। कांग्रेस ने दावा किया कि नए कड़े प्रावधानों से “जबरन वसूली नेटवर्क” और “संगठित भ्रष्टाचार” को बढ़ावा मिलेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर “गरीबों को दंडित करने” और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को रोकने का आरोप लगाया।

वहीं राहुल गांधी ने X प्लेटफार्म पर मामले को लेकर लिखा, “जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार ‘शहंशाह के फरमान’ और ‘न्याय’ के बीच का फर्क भूल चुकी है।”

‘हिट एंड रन’: क्या कहता है नया नियम?

‘हिट एंड रन’ के नये नियम के अनुसार, अगर सड़क दुर्घटना के बाद गाड़ी चालक पुलिस को टक्कर या दुर्घटना की सूचना दिए बिना मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की जेल और जुर्माना देना पड़ेगा। इस कानून को ही लेकर कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर्स इसका विरोध कर रहे हैं।

पुराने कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में दो साल की सजा का प्रावधान था और जमानत भी मिल जाती थी।

सड़क दुर्घटनाओं का डाटा

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या12 प्रतिशत बढ़कर 4.6 लाख से ज़्यादा हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप हर घंटे 19 लोगों की मौत होती है।

रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

“साल 2022 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 1,68,491 लोगों की जान चली गई और 4,43,366 लोग घायल हुए हैं।”

फिलहाल के लिए सरकार द्वारा ट्रक ड्राइवर्स से बात कर व आश्वासन देकर विरोध को खत्म कर दिया गया है लेकिन विरोध से उत्पन्न हुई ईंधन की कमी व अन्य समस्याओं का सामना लोग अभी भी कर रहे हैं।

 

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