बांदा जिले के अंतर्गत आने वाले कालिंजर कस्बा एक बहुत ही ऐतिहासिक और पौराणिक जगह है यहां पर हजारों साल पुराना एक किला है जो अजय दुर्ग के नाम से जाना जाता है| इस किले में बहुत सारे तालाब और इमारतें हैं जो लोगों के मन को मोह लेती हैं और हर साल यहां पर कार्तिक के महीने में कार्तिक पूर्णमासी 3 दिन जोरदार मेला चलता है |
साथ ही इस अजय दुर्ग में सरकारी महा उत्सव भी मनाया जाता है जो कालिंजर महोत्सव के नाम से जाना जाता है और इस महा उत्सव में कई तरह के खेल को दंगल वगैरह होते हैं जिसको देखने के लिए लोग रात रात भर जागते हैं लेकिन इस साल कोविड-19 के चलते मेला स्थगित कर दिया गया है, जिसका भारी असर लोगों के रोजगार पर पड़ा है |
इस मेले में लाखों की संख्या की भीड़ होती है और दूर-दूर से लोग घूमने और किले का नजारा देखने आते हैं साथ ही दुकानें भी दूर-दूर से बड़ी बड़ी आती है| इस मेले का इंतजार लोग महीनों पहले से करने लगते हैं और तैयारियां शुरू कर देते हैं| दुकानदार तो एक मेला खत्म हुआ तो दूसरे मेले का इंतजार करने लगते हैं ताकि उनको अपनी दुकानदारी करने का अच्छा मौका मिले |
लेकिन इस साल कोविड-19 के चलते उनके रोजगार पर भारी असर पड़ा है मेले में दुकान लगाए लोगों का कहना है कि हर साल उनकी अच्छी खासी कमाई होती थी और वह महीनों पहले से खरीदारी और तैयारी करते थे इस मेले में आने के लिए लेकिन इस साल उनकी दुकानदारी में कोई रुचि नहीं है और ना ही बाहर से खास कोई दुकान है आई है| इसलिए वह बहुत मायूस हैं और चाहते हैं कि जल्दी यह कोविड-19 का दौर खत्म हो ताकि यह मेला पुनः उसी तरह लग सके और वह लोग अपनी दुकानदारी कर सके |