उत्तर प्रदेश में कोरोना के संक्रमण बढ़ने के बाद से त्रिस्तरीय पंचायती चुनावों को खारिज़ करने को लेकर अदालत में याचिका डाली गयी थी। जिसे लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट ने बुधवार 7 अप्रैल को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि पंचायती चुनाव नहीं टाले जाएंगे। इसके साथ ही चुनाव को टालने को लेकर की गयी याचिका को भी अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया। इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से भी पूरी तरह से इंकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चुनाव में सावधानी बरती जाएगी। जानकारी के लिए बता दें, मंगलवार 6 अप्रैल को भी हाईकोर्ट द्वारा यूपी सरकार को पंचायत चुनाव में कोविड प्रोटोकॉल/ नियमों को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए थे।
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चुनाव में हस्तक्षेप करना सही नहीं – अदालत
अदालत ने आगे कहा कि सरकार ने चुनाव को लेकर आचार संहिता ज़ारी कर दी है। ऐसे में चुनाव रोकना सही नहीं होगा। इसके साथ ही इलाहबाद की उच्च अदालत ने एक जनहित याचिका में कोरोना को लेकर ज़रूरी कदम उठाने के लिए भी दिशा–निर्देश ज़ारी किये हैं। कोर्ट के अनुसार, कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ज़रूरी सावधानी बरती जाएगी। ऐसे में चुनाव स्थगित करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने दिया।
चुनाव टालने को लेकर यह कहा गया जनहित याचिका में
याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में कोरोना तेजी से फैल रहा है। 15 अप्रैल से पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चुनाव कराना जनहित के विरुद्ध है। इससे बड़ी संख्या में लोगों के स्वास्थ्य को हानि हो सकती है, जो अनुच्छेद 21 के जीवन के अधिकार का उल्लंघन है।
राज्य सरकार ने याचिका का किया था विरोध
इस मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच बैठी थी। एडवोकेट सौम्या आनंद दुबे और अमित कुमार उपाध्याय ने पंचायत चुनाव पर रोक के लिये पीआईएल (जनहित याचिका) दाखिल की थी। जिस पर राज्य सरकार की तरफ से भी पीआईएल का विरोध किया गया था और अर्जी को खारिज किए जाने की सिफारिश की गई थी।
भाजपा नहीं करेगी चुनावी सभा
बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने अपनी चुनाव की रणनीति में बदलाव किया है। जानकारी के अनुसार, भाजपा की तरफ से कोई भी चुनावी सभा नहीं होगी। पार्टी अपनी बैठक और रणनीति के ज़रिये मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने का काम करेगी। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पंचायत चुनाव में जिलों में बैठकें कर पार्टी पदाधिकारियों को जरूरी पहलुओं के बारे में बताएंगे।
यूँ तो भाजपा सहित अन्य पार्टियों द्वारा चुनाव में कई सारी चीज़ों को करने को लकेर कई सारी राणनीतियाँ बनाई गयी थी। साथ ही चुनावी सभाओं में कई बड़े चहरे और नाम भी नज़र आने वाले थे। लेकिन क्यूंकि अब कोरोना की वजह से सभाएं नहीं हो सकती। ऐसे में चुनाव में उतरे प्रत्याशी और उनकी पार्टियों की वोट बटोरने के लिए क्या निति होती है यह देखना होगा क्यूंकि अब चुनाव में कुछ ही दिन बाकी है।