खबर लहरिया Blog Health News: भारत के लोग जरुरत से ज्यादा नमक खा रहे हैं, ICMR (आईसीएनआर) की रिपोर्ट 

Health News: भारत के लोग जरुरत से ज्यादा नमक खा रहे हैं, ICMR (आईसीएनआर) की रिपोर्ट 

 

आईसीएमआर और एनआईई के शोधकर्ताओं द्वारा की गई रिसर्च से पता चला है कि एक औसत भारतीय तय मानकों से 60 फीसदी ज्यादा नमक का सेवन कर रहा है। अत्यधिक नमक के सेवन से उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और गुर्दे संबंधी विकारों का खतरा बढ़ जाता है।

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

समोसे और जलेबी की खबर से हलचल 

वर्तमान में देश में चल रहे कई खबरों से ज़्यादा नमक, समोसे और जलेबी पर खूब चर्चा की जा रही है। पर अगर स्वास्थ्य से संबंधित खबरों की बात की जाए तो ये खबर भी उतना ही महत्वपूर्ण है। 

भारत में लोग चटपटा और नमकीन चीजें खाने के शौकीन होते हैं। दरअसल कुछ दिन पहले ही समोसे और जलेबी में मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय) ने ये कहा कि समोसा और जलेबी दोनों सेहत के लिए हानिकारक है। जिस तरीके से सिगरेट और तंबाकू जैसे नशीली चीजों के लिए वॉर्निंग दी जाती है अब समोसे और जलेबी के लिए भी वॉर्निंग सरकारी विभागों में लगेगी। ये सुन कर समोसे और जलेबी के चाहने वालों में हलचल मच गई थी। हालांकि अब खबर आई है कि यह दावे झूठे थे। इस फेक न्यूज का खंडन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सूचना देते हुए खुद ही किया है।

भारत में नमक की ज़्यादा मात्रा बन सकता है कई परेशानियों का कारण 

अब बात आती है नमक की। अगर देखा जाए तो नमक सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता बल्कि नमक शरीर के लिए भी काफी जरूरतमंद भी है, लेकिन नमक की सेवन ज़्यादा मात्रा में की जाए तो कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है जैसे हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, स्ट्रोक और किडनी से जुड़ी दिक्कतें आदि। इसी समस्या को समझते हुए आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) और एनआईई (राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान) के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च किया है। जिसमें यह बात सामने आई है कि भारत के लोग जरुरत से ज़्यादा नमक सेवन कर रहे हैं। अत्यधिक नमक का सेवन भारत में एक मूक महामारी को बढ़ावा दे रहा है, जिससे लोगों में उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, हृदय रोग और गुर्दे की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों ने इस समस्या के समाधान के लिए समुदाय-आधारित नमक कटौती अध्ययन शुरू किया है तथा कम सोडियम वाले नमक के विकल्पों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

नमक कितना लेना सही  

आज तक के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार प्रति व्यक्ति को प्रति दिन 5 ग्राम से भी कम नमक लेनी चाहिए लेकिन वैज्ञानिकों ने पाया कि भारत की शहरी आबादी रोजाना लगभग 9.2 ग्राम और ग्रामीण आबादी लगभग 5.6 ग्राम नमक का सेवन करती है। यानी कि दोनों आबादी नमक का सेवन तय सीमा से अधिक कर रहा है। राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (एनआईई) के सीनियर साइंटिस्ट और रिसर्च हेड डॉ शरण मुरली ने कहा है कि सोडियम का कम सेवन ब्लडप्रेशर कम करने और ओवरऑल हार्ट हेल्थ में सुधार करने में मदद करता है जिससे कम सोडियम वाले ऑपशंस हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए अच्छे साबित हो सकते हैं। सिर्फ कम सोडियम वाले नमक पर स्विच करने से ब्लडप्रेशर औसतन 7/4 mmHg तक कम हो सकता है। यह एक छोटा सा बदलाव है जिसका बड़ा असर होता है।

स्वास्थ्य के लिए उठाए जा रहे हैं कदम 

आज तक के खबर के अनुसार, लोगों की डाइट से नमक कम करने की कोशिशों को और मजबूत करने के लिए, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (एनआईई) ने पंजाब और तेलंगाना राज्यों में एक तीन-वर्षीय प्रोजेक्ट शुरू किया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा सपोर्ट किए गए इस प्रोजेक्ट का मकसद यह समझना है कि अगर लोगों को नमक कम खाने के लिए सही जानकारी और सलाह दी जाए, तो क्या वे अपना नमक खाना कम कर सकते हैं और ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं. इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य है कि लोगों में हेल्दी खाने की आदतें बढ़ाई जाएं और ज्यादा नमक खाने से होने वाली बीमारियों को रोका जा सके। 

नमक शरीर के लिए जरुरी है लेकिन जरुरत से ज़्यादा इस्तेमाल करना नुकसानदायक हो सकता है। इस बात को अब और नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। ICMR की रिपोर्ट बताती है कि भारत के लोग जरुरत से ज़्यादा नमक खा रहे हैं और यह आदत धीरे-धीरे बीमारियों की ओर ले जा रही है। पर अच्छी बात ये है कि समय रहते अगर आदतों में थोड़ा बदलाव करें जैसे कम सोडियम वाले नमक का इस्तेमाल करना, पैक्ड और प्रोसेस्ड खाने से बचना और खाने में सावधानी बरतना तो बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।

 

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