जिला महोबा ब्लाक जैतपुर कस्बा जैतपुर में लगभग 1000 किसान बेला सागर में सिंघाड़े की खेती करते हैं जहां पर जुलाई के महीने में सिंघाड़े की पौधे को हल्के पैरों के बल कम गहरे पानी में लगाते हैं
हमारी रिपोर्टर ने सिंघाड़े के किसानो से बात की तो उन्होंने बताया कि कार्तिक के महीने में सिंघाड़े निकलने लगते हैं जिसे हम लोग उबाल के बाजारों में बेचते हैं और कच्चे सिंघाड़े भी काफी लोग खरीदना पसंद करते हैं हैं जिसका टेस्ट ही बहुत अलग होता है
यह सिंघाड़े सीजन में तो बिकते ही हैं पर बिना सीजन में भी बिकते हैं हैं जैसे कि सिंघाड़े के आटें की पूड़ी सिंघाड़े की लपसी भी बनाते हैं और 12 महीना खाते हैं
सिंघाड़े तो 3 महीना ही लोगों को बाजारों में खाने को मिलेगा जो बुंदेलखंड के बेला सागर तालाब में उगते हैं
जब सिंघाड़े 5 महीना में तैयार हो जाते हैं तब किसान अपनी नाओं को ले जाते हैं क्युकी इन तालाबों , जिसमें 25 से 30 फुट पानी भरा रहता है उसके अन्दर सिंघाड़े रहते हैं और वहां पर 9:00 बजे से सुबह चले जाते हैं 4:00 बजे शाम कर वापस लौट कर कर आते हैं
किसान कहते हैं कि हम लोग बहुत मेहनत करते हैं जब सिंघाड़े लोगों तक पहुंचा पाते हैं 4:00 बजे सुबह उठकर सिंघाड़े उबालने हैं 9:00 बजे तक उबलते हैं 9:00 बजे के बाद जो महिलाएं हैं वह सिंघाड़े बेचने के लिए चली जाती हैं
सिंघाड़े लगाने वाले किसान लोगो का कहता है की यह तो हमारा ही काम है यही हमारी मजदूरी यही हमारी खेती है
जब तक सिंघाड़े निकलेंगे जब तक हमारा इसी में परिवार के लिए खाने पीने चलेगा उसके बाद आगे फिर जो मजदूरी करने को मिलेगी तो करेंगे
सिंघाड़े बेचने वाली महिलाओं का कहना है कि कौन सा हमारे पास नौकर है कि हम सिंघाड़े नहीं बेचे और
मौसम सिंघाड़े का जब भी आता है बाजारों में अपने बिछौना लेकर सिंघाड़े बेचते हैं इसमें आने जाने वाले लोग बड़े चाव के साथ सिंघाड़े खरीदते हैं उबालने वाले लोग कहते हैं कि सिंघाड़े उबालने में बहुत टाइम लगता है और लोग कहते होंगे कि सिंघाड़े उबालने में कुछ केमिकल जैसा डालते हैं लेकिन ऐसा कुछ हम नहीं डालते हैं हम उसी पानी को सिंघाड़े के दोबारा से डाल देते हैं तो उसी में कालापन सिंघाड़ा हो जाता है पहले एक बार सिंघाड़ेसिंघाड़े के लड्डू! इस त्यौहार आ गई रे चटोरी मे ख़ास उबालने में बहुत टाइम लगता है फिर दोबारा से उबलते हैं तो कुछ कम टाइम लगता है
20 किलो सिंघाड़े उबालने में ₹100 की लकड़ी लग जाती है खाने वाले सवाल करते है कि आप किस तरह से सिंघाड़े उबालते हैं कब से खाते हैं क्या टेस्ट होता है सिंघाड़े बेचने वाली महिलाओं का कहना सिंघाड़े का भी सीजन होता है सिर्फ सर्दियों के महीने में ही ताज़े सिंघाड़े मिलते हैं फिर बाकी दिनों में नहीं मिलते हैं बिना मौसम सिंघाड़े का मिलना काफी मुश्किल होता हैं |