हमीरपुर जिले के मौदहा ब्लॉक के छिरका गांव में रहने वाले लोग नालियों की सफाई न होने की वजह से परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आधे गांव में सफाई होती है व आधे गांव में नहीं होती। गांव में दो कर्मचारी है व सफाई के मामले में उनकी कोई गलती नहीं है क्योंकि नालियां कच्ची है, ऐसा ग्रामीणों का कहना है।
लोगों ने कई बार नालियों की सफाई के बारे में प्रधान से बात की। बस आश्वासन मिल जाता पर काम नहीं होता। ग्रामीणों ने कहा, ‘गंदगी और नर्क भरे जीवन में जीते-जीते परेशान हो चुके हैं।’ जब हमारी गलियों में नालियों का पानी भर जाता है तो हम उसे खुद ही साफ़ करते हैं क्योंकि सबको काम से बाहर जाना होता है।
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गांव के प्रधान मुकेश कुमार प्रजापति से खबर लहरिया ने बात की। उन्होंने बताया कि हफ्ते में किस जगह, किस गली की सफाई होगी इसे लेकर अनुसूची बना रखी है। कहा, गांव वालों द्वारा सहयोग नहीं किया जाता। लोग कूड़ा अपनी-अपनी जगह पर ही डाल देते हैं उन गड्ढों में नहीं डालते हैं जिसके लिए गड्ढे बनवाये गए हैं।
जहां तक बात रही सफाई की तो हर जगह सफाई होती है। कुछ ऐसी जगह है जहां सफाई नहीं होती और वह गांव वालों की कमी है। वहां पर लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियां लेकर निकालते हैं। कच्ची नालियां होने की वजह से पानी भरा रहता है। सरकार के पास इतना बजट नहीं है कि नाली और सड़क बन पाए। आगे कहा, वह जब तक प्रधान रहेंगे वह गांव गांव में नाली व सड़क की व्यवस्था करवा देंगे ताकि आने वाले समय में किसी को कोई दिक्कत न हो।
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ब्लॉक के एडीओ अमर सिंह यादव से हमारी कॉल पर बात हुई। उन्होंने बताया कि गांव में सफाई होती रहती है। अभी सामूहिक विवाह चल रहे थे जिस वजह से कर्मचारियों की ड्यूटी उधर लगवा दी थी। इस वजह से गांव में थोड़ी गंदगी हो सकती है लेकिन अब शादियां खत्म हो चुकी है। सारे कर्मचारी गांव की सफाई करेंगे।
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