हमीरपुर जिले के कपसा गांव में मीठे पानी को लेकर समस्या सदियों से चली आ रही है। लोगों का कहना है कि इस समस्या को बीते कई पीढ़ी हो गई है। हमारे दादा-परदादा गुज़र गए लेकिन हमारे गांव की समस्या जस की तस है। सिर्फ दो बाल्टी मीठा पानी लाने के लिए जिससे की वह खाना बना सके और पी सके उन्हें 2 कोस चलकर कुएं तक जाना पड़ता है। वह पानी साईकिल और सिर पर रखकर लाते हैं।
कुएं में जो पानी है वह बरसात का पानी होता है जो कि सूखता नहीं है। उनके गांव के बाहर भी एक कुआं है जोकि 1 किलोमीटर दूर है। उसमें नाली का पानी जाता है जोकि वह थोड़ा-थोड़ा साफ-साफ करके पानी ले आते हैं। अब समस्या इतनी बढ़ गई है कि गांव में लड़कों की शादियां तक रुक जाती है। उन्होंने कई बार एप्लीकेशन दिया है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रधान भी पूरी कोशिश करते हैं लेकिन प्रधान की तरफ से भी समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाता है।
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इसी के चलते हमने प्रधान विजय से बात की। उन्होंने बताया है कि उनके गांव में 25 नल है जिसमें से 10 से 15 नल सही है। उनमें खारा पानी निकलता है जिसका इस्तेमाल गांव वाले सिर्फ और सिर्फ बर्तन धोने के काम में उपयोग करते हैं। उनके गांव में चार तालाब है, जिसमें बरसात का गंदा पानी भरा रहता है। वही पानी गांव के जानवर पीते हैं व गांव वाले कपड़े धोते हैं। गांव में खारा पानी निकलने की वजह से हमेशा समस्या बनी रहती है।
समस्या को लेकर एडीओ पंचायत विजय सिंह यादव ने बताया, गांव वालों को मीठे पानी की सुविधा मिल पाए इसका कार्यभार नमामि गंगे की तरफ से चल रहा है जिसको एडीएम देख रहे हैं। उनके पास इसकी कोई जानकारी नहीं है।
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