लोगों ने कहा, “हमें लगता है कि जो नगर पालिका के चेयरमैन बनते हैं वह बड़े घरों के ही बनते हैं। गरीब घरों से अगर चेयरमैन निकल जाए तो हमारी गरीबी की मज़बूरी सोचें कि कैसे रहना होता है।”
हमीरपुर जिले के राठ कस्बे से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर मायावती की सरकार द्वारा लोगों के लिए काशीराम कॉलोनी का निर्माण कराया गया था। लोगों ने बताया कि वह लगभग दो सालों से यहां की गंदगी से परेशान हैं लेकिन कोई सफाई के लिए नहीं आता।
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गंदगी और मांग
काशीराम कॉलोनी में रहने वाली सुशीला बताती हैं कि वह लगभग 10 सालों से यहां रह रहीं हैं। रास्ते में हमेशा गंदा पानी भरा रहता है। इस समय नगर निकाय 2023 का चुनाव भी चल रहा है। वह सिर्फ अपनी कॉलोनी में सफाई की मांग कर रहे हैं। अगर सफाई नहीं होगी तो वह वोट भी नहीं देंगे। आगे कहा, “सरकार और प्रशासन ने हमें कूड़े की तरह काशीराम कॉलोनी में फेंक दिया है।” जब चुनाव आते हैं तभी आते हैं।
सभी बीमारी की वजह है गंदगी
काशीराम कॉलोनी में रहने वाली महिला उर्मिला आरोप लगाते हुए कहती हैं, उनके घर में किसी को ज़ुखाम है तो किसी को मलेरिया। डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह यही कहते हैं कि यह सब गंदगी की वजह से है।
आगे कहा, “हमें लगता है कि जो नगर पालिका के चेयरमैन बनते हैं वह बड़े घरों के ही बनते हैं। गरीब घरों से अगर चेयरमैन निकल जाए तो हमारी गरीबी की मज़बूरी सोचें कि कैसे रहना होता है।” अगर उनके यहां कोई वोट मांगने आएगा तो वह उन्हें सीधा जवाब देंगे कि ‘अभी तक कहां थे। अब क्यों कॉलोनी की याद आ रही है।’
लोगों ने कई बार गंदगी को लेकर सफाईकर्मी व नगर पालिका को भी दरख्वास्त दिया है लेकिन किसी के भी तरफ से कोई भी काम नहीं किया गया है।
वह तो बस यही चाहते हैं कि जो टॉयलेट की पाइप टूटी है और जो साफ़-सफाई नहीं होती, उसकी समस्या को सुलझाया जाये।
दो-चार दिन में होगी सफाई – अधिकारी
खबर लहरिया ने नगरपालिका परिषद राठ के अधिशासी अधिकारी यदुनाथ से बात की। उनका कहना था कि उनके पास कोई शिकायत नहीं है। वह 10 कर्मचारी लगवाकर वहां की सफाई करवाएंगे। हालांकि, एक सफाईकर्मी काम में लगा हुआ था लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि वह सफाई नहीं कर पा रहा है। वह दो-चार दिन में ही सफाई का काम करवा देंगे।
इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है।
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