बुन्देलखण्ड में इस समय अनाज के राजा यानि चना को लोग बहुत पसंद करते हैं. वैसे तो चने को प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है| जो भारतीय और मध्य पूर्वी व्यंजनों में खासतौर पर इस्तेमाल किया जाता है| लेकिन बुन्देलखण्ड में तो चने का एक खास पौष्टिक, स्वादिष्ट और फेमस है करी का लड्डू जो शर्दी के मौसम में बहुत ही लोग सुबह के नास्ते के लिए बना कर रखते हैं और बड़े ही चाव से खाते हैं|
बुजुर्ग महिलाए बताती हैं कि चना खाने से बहुत ही एनर्जी मिलती है,ये सभी अनाजों का राजा माना जाता है| जिससे 56 भोग बनते है| पहले लोग नास्ते में महुआ चना, भुना हुआ चना और करी के लड्डू खाते थे| लेकिन आज के समय में वह चीजें लोग बहुत कम खा रहे हैं पर फिर भी करी का लड्डू आज भी फेमस है|
उसे लोग त्योहारों में भी बनाते हैं और नास्ते के लिए सर्दियों में बना कर रखते हैं| क्योंकि ये करी का लड्डू चने के बेसन का सेव छांट कर गुड के सीरे के साथ बनाया जाता है और ये बहुत हीटिकाऊ नास्ता है| जो सर्दी, जुकाम और कमर दर्द के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और लड्डू कि महक लगते ही लोगों के मुँह में पानी आ जाता है, तो अगर आप लोगों ने नहीं बनाया और खाया ये लड्डू तो आइए हम आप को बुन्देलखण्ड के बांदा जिले के गांव पिपरहरी की मुन्नी देवी से मिलवाते हैं, जो हर साल ठंडी में ये लड्डू बनाती हैं|
उनका कहना है कि ठंडी के मौसम में लगभग एक महीने उनका पुरा घर इन्ही लड्डू का नास्ता करता है और सर्दी से भी बचता है| उनके हांथ का लड्डू बहुत ही स्वादिष्ट होता है| वह घर के लिए तो बनाती ही हैं| लेकिन रिस्तेदारी में भी बना के भेजती है| लेकिन हां लड्डू को बनाने के लिए थोडा मेहनत करनी पड़ती है चने कि दाल का बेसन घर में चकिया से पीसते है और घर के पीरे तेल में सेव छांटते हैं और फिर कढाई में गुड रखकर सीरा बनाते है| जब सीरा बन जाता है तो मिलाकर लड्डू बांध लेते है लेकिन अगर इन लड्डू को सत्तू मिला कर बांधो तो और भी स्वादिष्ट होते हैं| बनाने को सभी लोग बना सकते हैं पर बाजर और घर के सामान में अन्तर होता है| ये रहे चने के कुछ अच्छा और देशी नास्ता तो आप भी लीजिए चने से बने हर नास्ते का मजा