आपने चित्रकूट का नाम तो सुना ही होगा और वहां के ऐतिहास के बारे में भी जानते होंगे। पर क्या अपने कभी सुना है कि महोबा जिले का गोरखगिरी पर्वत भी चित्रकूट धाम की सैर कराता है। तो आइए जानते है ऐसा क्या है इस पर्वत में, ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान श्रीराम जी का वनवास हुआ था तो लक्ष्मण और सीता के साथ मे महोबा के गोरखगिरी पर्वत पर उन्होंने अपने दिन काटे थे। अभी भी सीता की रसोई इस पर्वत पर बनी हुई है। इस पर्वत पर गोरखनाथ ने भी सातवें शिष्य सिद्धोदीपकनाथ के साथ तपस्या की थी।
आइए जानते है इसकी खूबसूरती
गोरखगिरी पर्वत महोबा से 2 किलामीटर दूर उत्तर दिशा में स्थिति है। इसकी ऊँचाई करीब दो हजार फिट है। इस पर्वत में कई तरह की जड़ीबूटियाँ मिलती है। जो कई बीमारी के प्रयोग में की जाती है। यहां पर कई झरने है, जहां पर आप शांति से कल कल की धुन सुनकर झरने के राग में खो जाएंगे।
तो आइए हम लेकर चलते है आपको गोरखगिरी पर्वत
दो हजार फिट ऊपर पर्वत चढ़ते ही आपको आश्रम मिलेगा, यह आश्रम आनंद आश्रम से जाना जाता है। इस जगह से आप पूरे महोबा को देख सकते है। जैसे ही आपकी नजर उठेगी आपको चारो तरफ धुंआ से धुंधलाने पर्वत और पेड़ नजर आएंगे। मानो आप शिमला की घाटियों में घूम रहे है। पर्वत पर चढ़ते समय आपको पता ही नही चलेगा आप कब और कहाँ पहुँच गए। पर्वत पर जाने वाली सड़क टेढ़ी मेढ़ी है पर हरियाली के बीच से गुजर कर जाती है। जो आपको अद्भुत नज़ारा और सुकून देती है।
पर्वत के ऊपर का नजारा
ऊपर पहुँचते ही वहाँ देखा की पर्वत पर कई तालाब है, जो अलग अलग नाम से जाने जाते है। सिद्ध सरोवर, रिखन तलैया, सिद्ध कुंड और चौपड़ा के नाम से जाने जाते हैं, जो झील से कम नही है । एक तालाब का पानी सुंदर कंचन के जैसा साफ है, और दूसरे तालाब का पानी दूधिया है जो सफेद है। दोनों तालाब अपनी जगह फेमस है। कहा जाता है कि पर्वत पर जड़ी बूटियों की वजह से ही उस तालाब का पानी सफेद है। यह पर्वत करीब दो सौ सत्तर एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसकी परिक्रमा पांच किलोमीटर दूर की है।
इस पर्वत में दो गुफाएं हैं, जो एक अंधियारी गुफा और दूसरी उजयारी गुफा के नाम से जानी जाती है। पर आज तक इन गुफ़ाओ का किसी ने अनुमान नही लगा पाया है कि ये गुफ़ा कहां जाती है। इस पूरे पर्वत के शिलाओं में कई तरह की आकृतियां है, जो अद्भुत दृश्य है। आनन्द आश्रम से रोबोट, शेर की आकृति, थोड़ी दूर चलने पर कछुआ और शेषनाग की आकृति पर्वत के दक्षिण में बड़ी चट्टान पर एक नाचती हुई महिला और साधु की प्रतिमा है। जो देखते ही लोगो का मन मोह लेती है |
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श्रमदानियों ने सरोवर की सवांरी सूरत
2018 में महोबा जिला में पानी की बुरी स्थिति होने के कारण कुछ समाज सेवियों ने गोरखगिरी पर्वत पर सिद्ध सरोवर तालाब में श्रमदान कर उसको नया रूप दिया था। जिसमे बारिस होने के कारण आज वह तालाब एक सुंदर अद्भुत नज़ारा पेश कर रहा है।
सुन्दरीकरण के लिए शासन ने भेजा बजट
गुरू गोरखनाथ की तपोभूमि के सौन्दर्यीकरण के लिये शिवतांडव, सिद्ध बाबा, सीता रसोई, संकटा माता से लेकर सभी स्थानों का सुंदरी कारण के लिए मांग की गई थी। जिसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पचास लाख की पहली किस्त भेज दी है। जिसमे शिवतांडव के सामने गोरखगिरि द्वार व पर्यटनों के लिए तीन शेड, शिवजी के अवतार गुरू गोरखनाथ की मूर्ति स्थापित होगी। शिवतांडव से गोरखगिरी पर्वत तक सीढ़ियां व आरसीसी, रोशनी के लिए सोलर पैनल लाइट, पानी के लिए पाइप लाइन की सुविधा कराई जाएगी।
इस पर्वत ने कई लोगो का मन मोहा
जो भी इस पर्वत पर घूमने जाते है, वही पर मोह जाते है, अगर लॉकडाउन में आप बोर हो रहे है। आपका मन कर रहा है कही घूमने का तो एक बार महोबा जरूर घूमने आएगा। कम खर्च में भी आप शिमला की सैर कर सकते हो। ऊँचे ऊँचे पर्वत, , दूर दूर तक पहाड़ का नज़ारा, मानो बादल आपके हाथ मे आ जाएंगे। जब शाम ढलती है तो मानो सूरज में समाने का मन करता है। इस जगह में मन को शांति और सुकून मिलता है।
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