खबर लहरिया ताजा खबरें वाराणसी चौकाघाट के 10 दिवसीय काशी शि‍ल्‍प मेले की झलक

वाराणसी चौकाघाट के 10 दिवसीय काशी शि‍ल्‍प मेले की झलक

10 दिवसीय काशी शि‍ल्‍प मेला :  जिला वाराणसी चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल के प्रांगण में दस दि‍वसीय काशी शि‍ल्‍प मेले का आयोजन हो रहा है। देशभर के शि‍ल्‍पकारों द्वारा तैयार की गयी एक से बढ़कर एक अनोखे आइटम्‍स को देखने और खरीदने के लि‍ये यहां खरीददारों को रेला देखने को मि‍ल रही है इन्ही अनोखे आइटम्‍स में से एक बेहद खास चीज जो यहां लोगों को अपनी ओर आकर्षि‍त कर रही है वो है अपने आप में मिटटी के बर्तन बर्तन। इन बर्तन  को बनाया है वाराणासी  नि‍वासी आधुनिक सभ्यता को हटाकर एक बार फिर से प्राचीन सभ्यता को अपने घर में लाए मिट्टी के बने बर्तन जो  जिसमें  बोतल, कुकर फिरिज, फिल्टर कड़ाही, तावा अन्य ऐसी चिजे बनी थी.  मिट्टी  से बनने वाली बर्तन  को बेहद कठि‍न परि‍श्रम से बनाने वाले शरद्  ने बताया की ये लोगों को आकर्षि‍त कर रहा हैं ये मिट्टी के बर्तन को लोग खरिद भी रहे हैं
काशी शि‍ल्‍प मेले में मिट्टी के बने बर्तन जो  शॉप सभी को अपनी ओर आकर्षि‍त कर रही है। आश्चर्यचकित कर देने वाली ऐसी कलाकारी देख यहां आ रहीं महि‍लाएं और युवति‍यां भी हैरान हैं। जहां महिलाएं अब तक स्टील ताबे एल्युमिनियम चिनी मिट्टी पितल के बर्तन को अपने रसोई में युज कर रही थी  आज वो मिट्टी के बर्तन  को पसंद करती हैं तो वहीं बिल्कुल नेचुरल आधुनिकी  आकर्षण  से तैयार की गई मिट्टी बर्तन  एक अद्भुत संदेश भी देती नजर आ रही है.

शौक को बनाया करि‍यर : इन मिटटी के बर्तन जो  तैयार करने वाली वाराणासी  के  शरद्  को दो महिना ही हुआ था  बताते  हैं कि करीब दो  महिना  पूर्व उन्होंने मिट्टी के बने बर्तन जो की  बनाने की मन में ठानी और शौक से शुरू किए गए इस कला ने आज उन्हें बिजनेस के रूप में नया मुकाम दे दिया है।इनका कहना है कि जिस तरह कुम्हार के जीवन पर अँधेरा छा गया वो इस तरह से मिट्टी के बने बर्तन बना कर अपना जीवन सफल बना सकते है
शरद्  के अनुसार उनके ये खास बर्तन   सालों तक चलती है। इसे इस तरह से तैयार कि‍या गया है उनकी ये मिट्टी के फ्रीज जिसमें चार दिन तक फल और सब्जियां ताजा रख सकते है.

इसकी कीमत 250 रुपये से शुरू : शरद्  ने बताया कि‍ उनके मेहनत के हि‍साब से ये मिटटी के बर्तन जो  महंगी नहीं हैं। इनकी कीमत 250  रुपये से शुरू होकर 8000 रुपये तक है। शरद् अ की मानें तो इलाहाबादा में शिल्प मैला में भाग लिया था   वो काशी शिल्प मेले में भाग लिया है जिसमें इससे देख कुम्हार के लिए एक प्रेरणा शरद का कहना है कि हमें अवसर मिले तो हम कुम्हारों को भी इस तरह के बर्तन बनाने की ट्रेनिंग देंगे और उन्हें उनके कामकाज को बढ़ावा देने में उनकी पूर्ण सहमति करेंगे