चिड़िया उड़, कौवा उड़, बचपन का यह सुहाना खेल क्या आपको याद है। वह अच्छे-पुराने दिन जब आप “चिड़िया उड़” खेलते थें? इस खेल में हारने पर मार भी पड़ती है, लेकिन मज़ा भी बहुत आता है। गर्मी की छुट्टियां हो गई हैं तो बच्चे टाइम पास के लिए यह खेल खेलना शुरू कर दिये हैं।
जिला बांदा के ब्लॉक बड़ोखर खुर्द मटौंध ग्रामीण हरदोनी में एक दिन नन्हे-मुन्ने बच्चों को खबर लहरिया की रिपोर्टर ने देखा। वे तपती हुई दोपहर में हैंडपंप के पास एक समूह बनाकर खेल रहे थे। हमने पूछा, “भाई, आप कौन-सा खेल खेल रहे हो?” उन्होंने बताया कि हम यहां अंताक्षरी और लुका-छुपी खेलते हैं, साथ ही हम चिड़िया उड़ भी खेलते हैं।
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यहां के बच्चे मनोरंजन के लिए गर्मी की छुट्टियों में डांस भी करते हैं जोकि मई के महीने में होती है। हिमांशु, सनी और कल्पना ये तीनों बच्चे बताते हैं कि वे अपनी बहनों,भाइयों और पड़ोस के बच्चों के साथ 5 से 10 लोग मिलकर खेलते हैं। वे कहते हैं कि अकसर दोपहर में उनके माता-पिता उन्हें बाहर निकलने के लिए डांटते हैं, लेकिन वह बहाना बनाकर बाहर निकल आते हैं क्योंकि यह खेल उन्हें बहुत ज़्यादा पसंद है इसलिए वह यह खेलते है और अपने मनोरंजन के लिए भी।
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