खबर लहरिया खेल स्वस्थ रहने के लिए बच्चियां रोज खेलती हैं हॉकी और बास्केटबॉल

स्वस्थ रहने के लिए बच्चियां रोज खेलती हैं हॉकी और बास्केटबॉल

हमारी जिंदगी में खेल एक अहम हिस्सा है जो हमारी जिंदगी को तरोताजा रखता है. वैसे तो ज्यादा तर खेल लड़के या मर्द ही खेलते हैं, लड़कियां घर के काम तक ही सीमित रहती हैं लेकिन छतरपुर जिले की लड़कियां इस कल्चर को बदल रही है, वे हर रोज सुबह अपने दिन की शुरूआत हॉकी और बास्केटबॉल  खेल से करती है.

जिला छतरपुर ब्लॉक छतरपुर के बाबूराम चतुर्वेदी स्टेडियम में ]करीब सुबह 7:00 बजे बच्चियों का हॉकी खेल हो रहा है. बच्चियों से बात की तो बच्चों ने बताया हम लोग यहां पर रोज यह खेल खेलने आते हैं.

तो आइये मिलते हैं कुछ लड़कियों से और जानते हैं उनके दिन सुरूआत और खेल के मजे

खेल से  शरीर में फुर्ती रहती है और कभी भी कोई बीमारी नहीं होती। हम लोग यहाँ पर रोज सात बजे हॉकी का खेल खेलने आते है सब से ज्यादा सर्दियों के मौसम में ये खेल खेलने में बहुत अच्छा लगता है. यहां पर लोग सुबह-सुबह सर्दियों के मौसम में टहलने आते हैं और बच्चों का यह हॉकी और बास्केटबॉल का खेल देखकर उन लोगों को बहुत अच्छा लगता है.

खेलने आई रिंकी ने बताया कि मैं एक साल से यह हॉकी खेल रही हूं. मुझे बहुत मजा आता है लड़कियों के साथ खेलने में खेल से ही मेरे दिन की शुरुआत होती है. मैं हर लड़की को मैसेज देना चाहती हूं वो अपने लिए एक घंटा जरूर से निकाले।

 यहां पर लोगों से बात की तो लोगों ने बताया कि बाबूराम स्टेडियम में कुछ ना कुछ खेल होती रहते हैं बच्चे सुबह शाम यहां पर आकर चिड़िया, बल्ला या फिर हॉकी जैसे खेल खेलते हैं. जिससे लोगों का फिटनेस भी ठीक रहती है और खेल भी हो जाता है.

फिर वही रीसेंट स्कूल में भी  बच्चों के लंच के समय करीब 9:30 बजे एक खेल हुआ है. छोटे-छोटे बच्चों ने मिलकर भाग लिया है उन बच्चों ने इस खेल को बॉल से खेला है. बच्चों से बात की तो बच्चों ने बताया कि यहां पर हमारी टीचर लोग रोज लंच में हम लोगों को लंच करने के बाद 15 मिनट बॉल से खेल खिलाती हैं और खेलना भी सिखाती हैं. जिन बच्चों से खेलते नहीं बनता उन बच्चों को भी सेंड स्कूल की टीचर जो खेल खेलना सिखाते हैं लेकिन यहां के बाबूराम चतुर्वेदी स्टेडियम में हर तरह के नए नए खेल होते रहते हैं जैसे बेसबॉल, हॉकी, चिड़िया, बल्ला मैच यहां पर बाहर से लोग खेलने आते हैं और यहां के लोग बाहर भी जाते हैं.

रिपोर्टर- अलीमा तरन्नुम, छतरपुर