जिला चित्रकूट के लोगों का कहना है कि बरगढ़ रेलवे स्टेशन से झांसी पैसेंजर के लिए वह बुकिंग नहीं करा पा रहे है। टिकट बुकिंग कराने के लिए उन्हें शंकरगढ़ या मानिकपुर जाना पड़ता है। यूं तो पैसेंजर ट्रेन की बुकिंग हाथों-हाथ टिकट लेते समय ही हो जाती है लेकिन यहां लोगों को उसके लिए भी एक दिन पहले टिकट करवानी पड़ती है।
ये भी पढ़े : ट्रेन बंद होने से लोगों की यात्रा रुकी लेकिन इन आदिवासियों की तो ज़िंदगी ही रुक गई
लोग बताते हैं कि पहले पैसेंजर ट्रेन का किराया दस रुपये था, जिसे लॉकडाउन के बाद पैंतालीस रुपये कर दिया गया। टिकट की बुकिंग भी ऑनलाइन कर दी गयी है। लेकिन लोगों के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करना भी समस्या का कारण है क्योंकि लोगों को पता ही नहीं ऑनलाइन चीजों को किस तरह से किया जाता है। ट्रेन की टिकट महंगी होने से लोग अब ट्रेन से जाने में भी कतरा रहे हैं।
जो एक समय तक लोगों के लिए आने-जाने का सस्ता साधन थी। मानिकपुर रेलवे स्टेशन के रेलवे प्रबन्धक अचल पाण्डे का कहना है कि एक हफ़्ते से झांसी पैसेजर चल रही है और इसकी ऑनलाइन बुकिंग एक दिन पहले होती है। वह कहते हैं कोरोना की वजह से पहले पैसेंजर ट्रेन को बंद कराया गया था, जो की अब खुल गयी है। साथ ही कोरोना की वजह से ही ट्रेन का किराया भी बढ़ा है।
उनका कहना है कि वह तो बस सरकार के नियमों को मान रहे हैं। लेकिन क्या सरकार उस जनता को नहीं देख रही , जो मज़दूरी करके अपना घर चलाते हैं। अगर वह 55 रुपये ट्रेन के किराये में ही दे देगा तो मज़दूरी से अपने लिए वह कितना बचा पायेगा? जहां तक बात रही ऑनलाइन टिकट बुकिंग कि तो आज भी गांवो में अधिकतर लोगों को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना नहीं आता। तो वह एक दिन पहले ट्रेन की टिकट की ऑनलाइन बुकिंग कैसे कर पाएंगे?
ये भी पढ़े : श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने घरों को लौट रहे मजदूरों की मौत से मचा हड़कंप