खबर लहरिया Blog पुलिस एंकाउटर में गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद और सह-आरोपी की मौत

पुलिस एंकाउटर में गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद और सह-आरोपी की मौत

असद अहमद व गुलाम के एनकाउंटर को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने झूठा बताया। कहा कि एनकाउंटर की जांच पड़ताल हो और दोषियों को छोड़ा न जाए।

असद अहमद ( फोटो – सोशल मीडिया)

गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद व उसके सह-आरोपी गुलाम को झांसी में पुलिस मुठभेड़ के दौरान गोली मार दी गयी। यह उमेश पाल हत्याकांड मामले के आरोपी थे।

असद और गुलाम दोनों के ऊपर ही पांच लाख रुपये का इनाम था। उमेश पाल पर हमले के दौरान असद अहमद सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था और तभी से फरार था।

एंकाउटर पर उमेश पाल की पत्नी ने किया धन्यवाद

अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एंकाउटर को लेकर उमेश पाल की पत्नी जया पाल (प्रयागराज) ने एएनआई को बताया, “मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करती हूं। उन्होंने जो किया है बहुत अच्छा किया है। उन्होंने अपनी बेटी के सुहाग के कातिलों को सजा दिलाई। इंसाफ हुआ है…पुलिस ने बहुत सहयोग किया।”

 

एनकाउंटर को अखिलेश यादव ने कहा झूठा

असद अहमद व गुलाम के एनकाउंटर को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने झूठा बताया। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, “झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आजके व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जाँच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है।”

 

जानें कैसे हुआ एनकाउंटर?

पुलिस सूत्रों के अनुसार उमेश पाल की हत्या के बाद असद अहमद लखनऊ भाग गया था। बाद में वह दिल्ली पहुंचने से पहले कानपुर और फिर मेरठ चला गया,ऐसा पता चला। इसके बाद उन लोगों ने मध्य प्रदेश भागने का फैसला किया। वह झांसी पहुंचा और बाइक से राज्य की सीमा की ओर जा रहा था, तभी पुलिस ने उसे रोक लिया। असद कथित तौर पर बहरूपिये वेश में था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उनके पास अतीक अहमद के गिरोह में एक मुखबिर था जिसने उन्हें असद के ठिकाने के बारे में बताया।

एनकाउंटर के बारे में जानकारी साझा करते हुए पुलिस ने कहा कि डीएसपी रैंक के दो अधिकारियों के नेतृत्व में 12 लोगों की एक टीम ने अभियान चलाया था। झांसी के बबीना रोड पर हुई मुठभेड़ के दौरान कुल 42 राउंड फायरिंग की गई थी।

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