लांकडाऊन मे भी महिलाओं पर होने वाली हिंसा कम नहीं हुई हर रोज नाबालिग बच्चियों के रेप, घरेलू हिंसा, दहेज हत्या जैसी घटनाएं हर रोज सुनने ,देखने को मिल रही है चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र के सुरसैन गांव का एक मामला सामने आया था|
26 जून का। हरियाणा की एक लड़की का आरोप है ,की सुरसैन गांव का रहने वाला शारदा प्रशाद मुझे 22 फरवरी को हरियाणा से मुझे ले आया लगभग एक साल से हम रिलेशनशिप मे थे फिर फरवरी मे मुझे वो चित्रकूट साथ लाया कर्वी कोट में राजीनामा किया जिसमें उसके परिवार वाले व उसकी पहली पत्नी भी शामिल रहे पहले कभी शारदा ने अपनी पहली शादी के बारे मे नहीं बताया कोट मे भी बहन बताया जब गांव ले गया लगभग 15 दिन बाद मुझे पता चला की शारदा पहले से शादीशुदा है और उसके तीन बच्चे भी हैं |
जब इस बात को लेकर मैने शारदा से बात करना चाही तभी से वो मारपीट करने लगा खेत मे काम कटाई का चल रहा था खेत काटने का काम कराते रहे मारता पिटता रहा लांकडाऊन होने की वजह से मै कही जा नहीं पाई। जब लांकडाऊन खुला पता चला की बस चलने लगी है तो मैने कहा मुझे छोड आओ मेरे घर वो लोग नहीं छोडने जा रहे थे तब मैने राजापुर थाने 25जून को शिकायत की जिसमे राजापुर थाने मे मुझे फिर समझौता करा कर उन्ही के साथ भेज दिया गया फिर उन लोगों ने मुझे जान से मारने की कोशिश करी |
बोले पहले तलाक के पेपर में साइन करो फिर जाने देंगे मैने अपनी जान बचाने के लिए हा कर दी कर्वी कोट आते समय शारदा रास्ते से गायब हो गया साथ मे उसका जीजा था वो मुझे अपने साथ जंगल की तरफ ले गया और मेरे साथ रेप किया राजापुर थाने मे बार बार शिकायत करने के बाद भी मुझे न्याय नहीं मिला दहेज का मुकदमा लिखा गया है जबकि मेरे साथ धोखा हुआ जान से मारने की कोशिश की गई शारदा प्रसाद का कहना है मै उसे लेकर नहीं आया वो खुद आ गई थी राजीनामा से पहले मैने सबकुछ साफ बताया था अपनी पहली शादी के बारे में भी बताया था वो बोली मुझे इन सब से कोई मतलब नहीं |
मै ऐसे ही रहूंगी फिर हमने समझौता करने उसे बस मे बैठा दिया था इलाहाबाद की वो चली गई पांच हजार रूपए देकर वो घर वापस जाना चाह रही थी मै रखने को तैयार था उसकी मर्जी घर जाने की थी |
लड़की आज भी कर्वी कोट वा एस पी कार्यालय के चक्कर काट रही है न्याय के लिए