विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंकीपॉक्स को ‘वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित कर दिया गया है। भारत में अभी तक मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आये हैं जिसमें से तीन केरल और एक दिल्ली में पाया गया है।
भारत में अब मंकीपॉक्स के कुल 4 मामले हो गए हैं। वहीं पिछले हफ़्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंकीपॉक्स को ‘वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही यूरोपीय कमीशन ने मंकीपॉक्स से निपटने के लिए स्मॉलपॉक्स यानि चेचक के टीके को भी मंज़ूरी दे दी है। इसके साथ ही यूपी, बिहार व तमिलनाडु आदि राज्यों में भी हाई अलर्ट ज़ारी कर दिया गया है।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इण्डिया के सीईओ आदर पुनेवाला ने कहा कि वह ‘आपात स्थिति में’ स्मॉलपॉक्स के टीके थोक में आयात करने की संभावना तलाश रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) Novovax से RNA (mRNA) वैक्सीन मंकीपॉक्स के लिए विकसित करने की बात कर रही है।
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बड़े पैमाने पर बन सकती है स्मॉलपॉक्स वैक्सीन – पुनेवाला
आदर पुनेवाला ने एनडीटीवी को बताया कि डेनमार्क के बवेरियन नॉर्डिक से चेचक की वैक्सीन तीन महीने में भारत में होगी। आगे कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट के पास लाइसेंस के साथ बड़े पैमाने पर स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन बनाने की क्षमता है।
आदर पुनेवाला ने कहा कि वह Novovax से बात कर रहें हैं। आगे कहा,” हमें यह ज़रूर से देखने की ज़रुरत है कि क्या इसकी ज़्यादा मांग होती है या यह सिर्फ तीन-चार महीनों में ख़त्म हो जाएगा।” बात को जोड़ते हुए कहा, स्क्रैच से वैक्सीन बनाने में एक साल से ज़्यादा का समय लग सकता है।
मंकीपॉक्स का चौथा मामला
मंकीपॉक्स का चौथा मामला मनाली घूमकर दिल्ली आये व्यक्ति में पाया गया लेकिन व्यक्ति द्वारा विदेश जाने का कोई इतिहास नहीं है। वहीं मंकीपॉक्स के अन्य तीन मामले केरल राज्य में पाए गए जिसमें तीनों व्यक्ति यूएई से वापस लौटे थे।
दिल्ली का मामला पश्चिम विहार में रहने वाले 34 साल के व्यक्ति का है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दो दिन पहले वह लोक नायक अस्पताल में भर्ती हुआ था। उसे दो हफ़्तों से बुखार और शरीर पर धब्बे (rashes) थे। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि “हमें संदेह था कि उसे मंकीपॉक्स है और उसे हमने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया। अब वह संक्रमण से पॉज़िटिव पाया गया है। उसका इलाज किया जा जा रहा है।”
मंकीपॉक्स से ग्रसित होने से पहले वह हिमाचल घूमने गया था। जिसे देखने हुए जिले की निगरानी टीम यह जांच कर रही है कि उसे हिमाचल में ही संक्रमण हुआ होगा या वह अपने किसी ऐसे दोस्त के सम्पर्क में आया था।
यह पाया गया कि व्यक्ति के दोस्त को भी बुखार था। अभी भी यह निश्चित करना बाकी है कि व्यक्ति का दोस्त विदेश गया था या नहीं।
जिले की निगरानी टीम ने अभी तक 13 लोगों के संपर्क में आने की बात बताई है। जिसमें से अमूमन परिवार के लोग और डॉक्टर शामिल है जो व्यक्ति का इलाज कर रहें थे। सभी सम्पर्क में आये लोगों को घरों में क्वारंटाइन होने को कहा गया है।
सबसे अच्छी टीम है लोगों की सुरक्षा के लिए – केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री सीएम अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने पर ट्वीट किया। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, मंकीपॉक्स का पहला मामला दिल्ली में सामने आया है। मरीज़ की हालत स्थिर है और वह ठीक हो रहा है। घबराने की ज़रुरत नहीं है। स्थिति नियंत्रण में है। हमने लोक नायक अस्पताल में अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया है। हमारी सबसे अच्छी टीम इस केस पर है जो दिल्लीवासियों में इस बीमारी को फैलने से रोकने और उनकी रक्षा के लिए है।
The first case of Monkeypox was detected in Delhi. The patient is stable and recovering.
There's no need to panic. The situation is under control.
We have made a separate isolation ward at LNJP. Our best team is on the case to prevent the spread and protect Delhiites.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 24, 2022
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए डीजीएचएस (स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय) के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा योजना भी बनाई गयी है।
मंकीपॉक्स को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ज़ारी गाइडलाइंस
– बुखार, त्वचा पर चकते (चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक), सूजे हुए लिम्फ नोड, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट, गले में खरास और खांसी इसके समान्य लक्षण हैं।
– आंखों में दर्द या धुंधली दृष्टि, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, बार-बार बेहोश होना और दौरे पड़ना तथा पेशाब की कमी मंकीपॉक्स से होने वाली मुख्य परेशनियां हैं।
– कोमोर्बिडिटी से ग्रसित और कम इम्यूनिटी वाले व्यक्ति को मंकीपॉक्स के संक्रमण के गंभीर प्रभाव पड़ने की अधिक संभावना है।
क्या है मंकीपॉक्स?
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO) के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है जो चेचक (chicken pox) की तरह होता है। चेचक की तरह ही इसके लक्षण भी हल्के ही होते हैं। यह वायरस का एक जीनस है जिसमें वेरियोला वायरस भी शामिल है, जिसके चलते चेचक होता है। इसी परिवार के वैक्सीनिया वायरस का इस्तेमाल चेचक के टीके में किया गया था।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स तब फैलता है जब कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के सम्पर्क में आता है। यह वायरस त्वचा, सांस लेने की नली या आंख, नाक और मुंह के ज़रिये शरीर में प्रवेश करती है। मनुष्य से मनुष्य में यह आमतौर पर रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के ज़रिये फैलती है। जानवरों से यह इंसानों में काटने या खरोंचने के ज़रिये फैल सकता है। मंकीपॉक्स को आमतौर पर सेक्सुअली (संभोग) फैलने वाला रोग नहीं माना जाता है, हालांकि सेक्स के दौरान यह एक इंसान से दूसरे में फैल सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स में शुरुआत में बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और पीठ दर्द शामिल हैं। मरीजों में आमतौर पर बुखार आने के एक से तीन दिन बाद दाने निकल आते हैं। यह अक्सर चेहरे से शुरू होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। जैसे हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों में। दाने में खुजली भी होती है। संक्रमण आमतौर पर दो से चार हफ्ते तक रहता है और आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है।
क्या है मंकीपॉक्स का इलाज?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) द्वारा वायरल डीएनए का पता लगाना मंकीपॉक्स के लिए सबसे बेहतरीन टेस्ट माना गया है। एंटीजन और एंटीबॉडी के तरीके ऑर्थोपॉक्सवायरस के बीच अंतर कर पाने में उपयोगी शामिल नहीं होते।
मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है। जिन्हें वायरस होने का संदेह है उन्हें एक अलग कमरे में रखा जाता है व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उन पर निगरानी की जाती है। वहीं चेचक के टीके वायरस के प्रसार को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, चेचक के इलाज के लिए विकसित एक एंटीवायरल एजेंट को भी मंकीपॉक्स के इलाज के लिए लाइसेंस दिया गया है।