भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 1000 के पार पहुंच गई है। कोरोना से लड़ने के लिए पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया गया है लेकिन इसका कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है। दिल्ली में 28 मार्च को बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूरों के बाहर निकलने और आनंद विहार एवं गाजीपुर जैसे इलाके में जमा होने की वजह से सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई करने का मामला सामने आया है।
ऐसा बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में अपनी ड्यूटी निभाने में असफल रहे दिल्ली सरकार के चार अधिकारियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने रविवार यानी 29 मार्च को अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रेनू शर्मा और डिविजनल कमिश्नर वित्त के प्रधान सचिव राजीव वर्मा को तुरंत निलंबित कर दिया है।
इसी के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और भूमि भवन) सत्य गोपाल और सीलमपुर के एसडीएम अजय अरोड़ा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों को ठीक से लागू कराने में विफल रहने पर की गई है। आरोप हैं कि ये अधिकारी एनसीआर क्षेत्र में अपना काम सही ढंग से करने में विफल रहे ।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन अधिकारियों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के चेयरपर्सन द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन कराना था। यह समिति आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत गठित की गई थी। मगर प्रथम दृष्टया ये अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे हैं।’
These officers failed to ensure public health and safety during the lockdown restrictions to combat #COVID19. Due to the serious lapse in performance of their duties, the competent authority has initiated disciplinary proceedings against these officers: Ministry of Home Affairs https://t.co/37bgPgrygS
— ANI (@ANI) March 29, 2020
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में 21 दिनों तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है। लॉकडाउन 14 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। हालांकि लॉकडाउन के आदेश के बाद भी दिल्ली में हजारों की संख्या में कामगार और प्रवासी मजदूर अपने-अपने गांवों की ओर लौटने के लिए सड़कों पर उतर गए थे। परिवार को पालने कि चिंता में जो मजदूर दिल्ली में आकर अपना पसीना बहाता था, वो मजदूर कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते सिर पर गठरी लादे और हाथ में बच्चा उठाए अपने पैतृक गांव के लिए निकल पड़ा है।
इसे देखते हुए पहले उनके जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी लेकिन बाद में उसे भी बंद कर दिया गया। साथ ही केंद्र ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि जो मजदूर इस दौरान अपने गांव की ओर रवाना हो गए या वहां पहुंच गए उनकी पहचान की जाए। इसके बाद उन्हें 14 दिनों के लिए आइसोलेशन में (अलग-अलग) रखा जाए। इसका रिजल्ट ये आया की लोग अपने घरों के लिए रवाना तो हो गये लेकिन न घर के हुए न घाट के।
इसलिए लोगों से अपील है अपनी जिम्मेदारी निभाइए। घर पर रहें..सुरक्षित रहें। कोरोना का आतंक विश्व में फैल चुका है। भारत कोरोना के आतंक से बुरी तरह ग्रसित है। ऐसे में जरा सी गलती आपकी जान तक ले सकती है। इसलिए खबर लहरिया आपसे अपील करता है कि घर बैठिए और अपना ख्याल रखिए क्योंकि जान है तो जहान है।