नमस्कार दोस्तों द कविता शो के इस एपिशोड में आपका स्वागत हैl दोस्तों इस बार के शो में चर्चा का मुद्दा है जंगलो में आग से तबाहीl तो दोस्तों बुन्देलखण्ड के यूपी और एमपी के जंगलो में दो हप्तो से आग लगी हैl जंगलो में लगी आग ने जंगल के पेड़ पौधे,जड़ी बूटी फल और जंगली जानवरों को निगल गई हैl इससे पहले आस्ट्रेलिया देश में लगी आग ने सबके दिलो में घाव कर गईl अभी उत्तरा खंड के जंगल भी इसी समय धू-धू करके जल गये रहे हैl तो कुलमिला कर आग से अपना देश जल रहा है और सत्ता में बैठे लोग सिर्फ चुनाव की रैलिया कर रहें हैl
गर्मी आते ही आग भयानक रूप ले लेती है और पता नहीं चलता आग कैसे लगी हैl आग एक जगह बुझती है तो दूसरी जगह लपटें उठने लगती हैं। इसमें सजावटी व जलाऊ लकड़ी के साथ ही सागौन, आंवला के पेड़ जले हैं, जबकि कई जगह बांस की कोठियां स्वाहा हो गई हैंl साथ ही जंगली जीव जन्तु भी जल कर मरने की बात हो रही हैl बाँदा के मसहूर ऐतिहासिक कालिंजर दुर्ग के जंगल में 21 मार्च को आचनक लगी आग पर 2 अप्रैल को किसी तरह काबू पाया गया। चित्रकूट जिले के पाठा छेत्र मानिकपुर के जंगल रानीपुर गिदुरहा चमरौहा सकरौहा वोहन और गेटा के जंगल मे आग दो हप्ते से लगी हैl
आग जंगल की सारी संपदा को समेट ले गई .इसी तरह से पन्ना के जंगलो में लगी आग से हाहा कार मचा हुआ हैl ब्लाक मऊ के बरगढ़ घाटी और सुचेता कॉलोनी के जंगल मे आग लगी 15 दिन से जंगल में पूरा जंगल जल के राख हो गया हैl हमने जब रिपोर्टिंग की तो लोग बता रहे थे5 अप्रैल को सुचेता कॉलोनी के जंगल पर आग लगी थी|
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गांव से 200 मीटर दूरी में इतना भयंकर आग लगी थी कि लगता रहा कि पूरा गांव जल जाएगा उसी के पास आवासीय विद्यालय है आवासीय विद्यालय के लिए भी इस तरह से डर बना थाl इसी तरह से कालिजर के जंगल में लगी आग ने लोगों के घरो को भी अपने चपेट में ले लिया और देखते ही देखते कई लोगों के घर ग्रहस्ती आग के गले समा गये और सब कुछ मिट्टी में मिल गयाl और कई किसानो के खेतो में आग लगने से पकी पकाई फसल जल गई और किसानो के सामने ही मुह का निवाला छीन गयाl मैने पाठा छेत्र में जीरो ग्राउंड पर काम किया है ख़ास कर आदिवासियों के स्थिति पर और मैने बहुत नजदीकी से देखी हूँ की आदिवासियों का जीवन यापनl जंगल से ही चलता हैl
जंगल से लकड़ी काट कर वो बेचते हैं तब उनके घरो में चूल्हा जलता है. आदिवासियों का पौष्टिक खाना और दवाई भी जंगल से ही आती हैl जैसे मैने उपर फलो और जड़ी बूटियों के नाम लिखी हूँl और इस गर्मी के सीजन में तेदु पत्ते की तोड़ाई भी होती जिससे उनका विजनेस होता था या महुआ को बीन कर बाजार में बेच लेते थे जड़ी बूटी भी तोड़ कर बेच लेते थे लेकिन अब तो सारा कुछ नष्ट हो गया है क्या खायेगें आदिवासी परिवार l
और जो वन सम्पदा नष्ट हो गई है इसकी भरपाई कैसे की जायेगीl हर साल पेड़ लगाने की मुहीम छेड़ी जाती नाम मात्र के पौधे भी लगाये जाते है और उनकी केयर नहीं होती है जिस वजह से वो मर जाते हैl लेकिन इतने पुराने कीमती पेड़ जल रहे है l जंगली जानवर जल कर तड़प तड़प कर मर रहे हैं लेकिन हमारी सरकार बचाने का कोइ ख़ास इंतजाम क्यों नहीं कर रही है. |
हमने चित्रकूट के प्रभागीय वनअधिकारी कैलाश प्रकाश हमने जंगलो में आग लगने का कारण नुकशान और दूरी पूछा तो तो हमारे पूछे गये सवालों के ठीक से जवाब नहीं मिले और अधिकारी ने ये भी कहा की जंगलो ज्यादा आग नहीं लगी हैl और वन सम्पदा का भी ख़ास नुकसान नहीं हुआ है उन्हेंने यह भी कहा की जीव जन्तु भी नहीं मरे हैंl तो वही बाँदा के वन विभाग अधिकारी संजय अग्रवाल ने आफ कैमरे में ये भी बातया की जंगल में आग लगने से कई तरह के नुकसान होते हैंl बाँदा के वन अधिकारी ने आफ कैमरा बताया की हर साल नुकसान होता हैl वनस्पतियों का जीवजंतुवो का और ये नई बात नहीं हैl हर साल गर्मी के दिन में जगंल का नुकसान होता है|
इस साल तो गर्मी अभी से ही इतनी गर्मी है और जंगल का नुकसान होना शुरु हो गया है .वह लोग बचॎव का पुरा प्रयास करते है पर सरकार को इस आग से बचाव के लिए दिसंबर महीने से ही इंतेजाम का काम शुरू करा देना चाहिए और इसके लिए बजट देना चाहिए तभी कुछ हो सकता हैl आखिर वन अधिकारियों के पास ठोस जवाब क्यों नहीं है .जो नुक्सान हुआ है उसका कोइ आकड़ा क्यों नहीं हैl अगर हर साल आह लग रही है तो गर्मी आने के पहले से आग से बचाव के इंतजाम क्यों नहीं कराए जाते हैंl
दोस्तों जंगल के जलने पर क्या आप लोगों का दिल जल रहा है, तकलीफ हो रही है दर्द हो रहा है अगर हाँ तो आईये हम सब जंगल को बचाने के लिए आगे आगे आये आवाज उठायेl मेरा ये शो अगर आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ में सेयर करें. अगर खबर लहरिया चैनल को सब्सक्राईब नहीं किया है तो जरुर से कर ले ताकि मेरा हर नया शो का नोटिफिकेशन आप तक सबसे पहलेपहुंचेl तो दोस्तों इस बार के शो में इतना ही अगले एपिशोड में फिर मिलूगी कुछ करारी बातो के साथ में तबतक के लिए नमस्कार |