खबर लहरिया Blog Weather Forecast News: बारिश बनी आफत, पांच राज्यों में तबाही, कहीं मौत कहीं बेघर हुए लोग

Weather Forecast News: बारिश बनी आफत, पांच राज्यों में तबाही, कहीं मौत कहीं बेघर हुए लोग

वर्तमान में देश के पांच राज्य भारी बारिश से जूझ रहा है। महाराष्ट्र से लेकर बिहार, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली के कुछ हिस्से और उत्तराखंड तक चारों ओर भारी बारिश का प्रकोप छाया हुआ है।

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बारिश से भरा सड़क (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

आसमान मानो अपना सारा बोझ ज़मीन पर उतार देना चाहता है, बादल लगातार अपना कहर दिखा रहा है। वर्तमान में देश के पांच राज्यों में बारिश ने तबाही मचाई हुई है। महाराष्ट्र से लेकर बिहार, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली के कुछ हिस्से और उत्तराखंड तक चारों ओर भारी बारिश का प्रकोप छाया हुआ है। कहीं सड़कें नदियों में बदल गई हैं तो कहीं बारिश ने लोगों के घरों को ढंक लिया है। सबसे दर्दनाक मंजर पहाड़ी राज्यों में है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और तेज बारिश से कई लोगों की जान चली गई है। ग्रामीण इलाक़ों में खेत डूबने से किसानों की सालभर की मेहनत मिट्टी में मिल रही, बच्चे स्कूल का रास्ता पानी में बहते देख घरों में कैद हो गए हैं। लोग घरों से बेघर हो रहे हैं, बारिश के तबाही से आम जीवन पटरी से चुका है। बारिश अब राहत नहीं बल्कि मुसीबत बन कर लोगों की सांसे थामे खड़ी हैं।  

अब बात करते हैं। कि बारिश ने किन-किन राज्यों में अपना कहर जमाया हुआ है। सबसे पहले जानते हैं महाराष्ट्र की स्थिति। 

महाराष्ट्र में बारिश का कहर 

बीते तीन दिनों से हो रही बारिश ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को पानी-पानी कर दिया है। सोमवार को लगातार तीसरे दिन हुई भारी बारिश के बाद मायानगरी के कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव हो गया। भारी बारिश के बाद विभिन्न इलाकों की सड़कों पर पानी भर गया। अंधेरी, लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स जैसे कुछ निचले इलाकों में कहीं-कहीं पानी जमा हो गया जिससे यातायात प्रभावित हुआ। 

 स्कूल और कॉलेज बंद

19 अगस्त 2025 को मुंबई में अत्यधिक बारिश के चलते रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह चेतावनी (IMD) भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बारिश के चलते ही मुंबई क्षेत्र की सभी सरकारी, निजी और नगर निगम से जुड़ी स्कूलों व कॉलेजों को बंद करवाया गया है। 19 अगस्त यानी आज भी स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। 

सात लोगों की मौत 

महाराष्ट्र के रत्नागिरी, रायगढ़, हिंगोली में अधिक बारिश हुई है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार अब तक विभिन्न घटनाओं में 7 लोगों की मौत हो चुकी है। कोंकण में कुछ नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। जलगांव में नुकसान अधिक है। दूसरी ओर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सतर्क रहने की आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिया कि आश्रय केंद्रों में रह रहे नागरिकों को भोजन, स्वच्छ पानी, कपड़े आदि प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराए जाएं। एनडीटीवी के रिपोर्ट अनुसार छत्रपति संभाजीनगर संभाग में 800 गांव प्रभावित हैं। दक्षिण गढ़चिरौली में जिला प्रशासन स्थिति पर नज़र रख रहा है। अकोला, चांदूर रेलवे, मेहकर, वाशिम में स्थिति अब सामान्य हो रही है। विदर्भ में 2 लाख हेक्टेयर भूमि को नुकसान का प्रारंभिक अनुमान है। मुंबई में आज सुबह से 8 घंटों में 170 मिमी बारिश हुई है। 14 जगहों पर पानी जमा हो गया है। नांदेड़ जिले में 200 से अधिक ग्रामीण फंस गए जिसकी वजह से बचाव और राहत कार्यों के लिए सेना को तैनात किया गया है।

हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर 

पिछले एक सप्ताह से हिमाचल में बारिश के कारण तबाही की खबर हर रोज देखने को मिल रही है। हर दूसरे तीसरे दिन में बादल फटने की खबर सामने आती रही हैं। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त चुका है। 18 अगस्त 2025 को मंडी जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। देर रात बादल फटने से सिल्हबुधाणी, कुंगड़ व स्वाड़ गांवों में भारी नुकसान हुआ है। इसके साथ ही कुल्लू की लग घाटी में बादल फटने से तबाही हुई है। इस आपदा में दुकानें, मकान और फ़सलें बह गए हैं। हिमाचल के कई जिलों में बारिश लगातार जारी है जिससे पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन हुआ है। दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 389 सड़कें बंद है और कई इलाक़ों में बिजली और पानी आपूर्ति है। मीडिया जानकारी के अनुसार हिमाचल में इस मानसूनी सीजन में मृतकों की संख्या अब तक 268 हो गई है। आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार 336 लोग घायल हुए हैं और 37 लापता हैं। कुल नुकसान 2,19,400 लाख रुपये (2,194 करोड़ रुपये) से अधिक आंका गया है जिसमें सड़कों, जल योजनाओं, बिजली लाइनों, फसलों, घरों और पशुधन को हुआ नुकसान शामिल है। एसडीएम मंडी रुपिंद्र कौर ने उप तहसील कटौला के सभी स्कूलों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) व आंगनबाड़ी केंद्रों को 19 अगस्त को बंद रखने के आदेश जारी किए हैं।

बिहार में बारिश का कहर 

बिहार में भी अत्यधिक बारिश का प्रकोप बना हुआ है। बिहार के अलग-अलग हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने 20 जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।  मौसम वैज्ञानिकों ने संकेत दिया है कि आज दोपहर 19 अगस्त 2025 से मानसून फिर से सक्रिय होगा जिससे राजधानी पटना समेत कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने राज्य के पूर्णिया, किशनगंज, बांका और भागलपुर जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। अगले पांच दिनों तक पूरे बिहार में तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा। अधिकतम तापमान सामान्य से 1-2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है। बता दें कि इस मानसून सीज़न में बिहार में अब तक सामान्य से 25 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। जून से 17 अगस्त तक राज्य में 697.1 मिमी बारिश होनी चाहिए थी लेकिन केवल 493 मिमी ही दर्ज की गई है। 

दिल्ली के कुछ हिस्सों में बारिश का असर 

राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से ज्यादा बारिश नहीं हुई लेकिन बावजूद इसके यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने दिल्ली के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के करीब हैं। मंगलवार सुबह 6 बजे यमुना का वॉटर लेवल 205.91 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के निशान के करीब है। ऐसे में दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए दिल्ली के निचले इलाके खाली कराने का आदेश जारी कर दिया गया है। दिल्ली में 14 अगस्त को अधिक तेज बारिश हुई जिससे कई सड़के पानी से डूबे दिखे और पेड़ गिरने से दो लोगों के मौत की खबर भी सामने सामने आई। लेकिन पिछले दो दिनों से बारिश नहीं हुआ उसके बावजूद कुछ इलाक़ा पानी से भर गया है। इसका ही वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है। कुछ इलाक़ों का पानी से डूबने का कारण है यमुना नदी का भारी बारिश के कारण जलस्तर का बढ़ना। लोग अपने बचाओ के लिए मकान के छतों पर रह रहे हैं और कुछ लोग दूसरे जगह जाने को मजबूर हैं। इसका भी कारण है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले पानी को हथिनीकुंड वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़ा जाना।

इस मौसम में हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं जिससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। 18 अगस्त को यमुना बाजार समेत कई निचले इलाक़ों में बाढ़ का पानी घर में घुस गया है। बाढ़ के पानी से लोग परेशान हैं। 

उत्तराखंड में बारिश और दलदल 

उत्तराखंड भी पहाड़ी इलाका है। उत्तराखंड में भी 14 दिन की भारी बारिश के बाद शहर की स्थिति दर्दनाक हो गई है। खासकर धराली इलाका। प्राकृतिक आपदा में तबाह हुए उत्तराखंड के धराली गांव में हालत बेहद मुश्किल है। भारी बारिश में कई मलबे ढह गई हैं। कई लोग उस मलबे की नीचे दबे हुए हैं जिन्हें लगातार ढूँढा जा रहा है और खोजबीन जारी है। 19 अगस्त के दैनिक भास्कर के रिपोर्टिंग के अनुसार हर रोज सुबह छह बजे से सुरक्षा टीम जांच के लिए अलग-अलग इलाक़ों में बंट जाती हैं। त्रासदी में धराली के अलावा बगोरी, झाला, जसपुर, मुखबा, पुराली और सुखी गांव कटे हुए हैं। यहां के तीन हजार से ज़्यादा की आबादी को मुश्किल से दूध और राशन मिल रहा है। हेलिकॉप्टर एक बार में जितना सामान ले जाता है उनकी उतनी ही मदद हो पाती है। ये सारी स्थिति बारिश के कारण ही पैदा हुई हैं। जुलाई की अंतिम तारीख़ और अगस्त के शुरुआत में उत्तराखंड में भारी बारिश हुई है। धराली में पांच अगस्त को तेज आपदा आई थी जिसमें कई परिवार बिखर गए। वर्तमान में बारिश थमी हुई है लेकिन बारिश का मौसम लगातार बना हुआ है। 

इसे के साथ बीते दिनों उत्तर प्रदेश भी बारिश से सराबोर था। कई लोगों का घर डूबा, लोग बेघर हो गए। कई इलाक़ों में बाढ़ के कारण नाव में सफ़र करने में मजबूर थे और एक समय तक नाव ही उनका सहारा था क्यों की बाढ़ के साथ लोगों का जीवन भी बह गया। बारिश के कारण प्रयागराज, चित्रकूट, बांदा, वाराणसी, कानपुर नगर, जालौन, औरैया, हमीरपुर, आगरा, मिर्जापुर, कानपुर देहात, बलिया, इटावा, फतेहपुर जिले प्रभावित हुए। 

इस तरह से अचानक बारिश का एक कारण जलवायु परिवर्तन है। भारतीय मौसम विभाग (IMD,आईएमडी) और वैश्विक पर्यावरण रिपोर्टों की मानें तो जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून चक्र पहले से कई अधिक अनियमित और तीव्र हो गया है। ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है जिससे समुद्र का तापमान बड़ रहा है। नतीजा यह हो रहा है कि बारिश की तीव्रता अधिक हो रही है और कभी-कभी एक दिन में पूरे महीने जितनी बारिश हो रही है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु संकट अब चेतावनी का नहीं बल्कि आपातकाल का विषय बन चुका है। 

 

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