नवरात्रि के डीजे से लेकर मूर्ति विसर्जन और दिवाली के पटाखों तक — हर उत्सव के बाद बढ़ता है ध्वनि, जल और वायु प्रदूषण। क्या हमारी परंपराएं प्रकृति के लिए खतरा बन रही हैं? देखिए इस रिपोर्ट में सच्चाई।
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