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उदयपुर की फतेहसागर झील

फतेहसागर झील शहर की चार झीलों में से एक है। यहाँ पर पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है। इस झील के रंग-बिरंगे पानी में बोटिंग का मजा लेने और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए शाम के समय बहुत ज्यादा भीड़ आती हैं।

                                                              फतेहसागर लेक की तस्वीर ( फो टो – सोशल मीडिया)

दोस्तों जब भी हम राजस्थान के बारे में सुनते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले रेत या ऊंट आते हैं लेकिन इसकी खुबसूरती तो वहां जा कर ही पता चलती है। आप सभी ने उदयपुर का नाम तो जरुर सुना होगा। यहां घुमने गये होंगे। यहां कि खुबसूरत झीलों, इमारतों और उगते सूरज का अनोखा नजारा भी देखा होगा पर क्या आप जानते हैं ? उदयपुर सबसे लोकप्रिय शहर क्यों है? इसे लोग झीलों के शहर के नाम से क्यों बुलाते हैं? मैं आप को बताती हूं वो इसलिए क्योंकि आप यहां कहीं भी घुमने जाएंगे जवाब आपको रास्ते में ही मिल जाएगा जब आपको कोई न कोई झील नजर आएगी। यहां सबसे खास है फतेहसागर झील जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। रेगिस्तान के नाम से प्रसिद्ध इस राज्य को ‘झीलों की नगरी’ भी कहा जाता है।

सुंदरता और आकर्षक का केंद्र है ये झील

फतेहसागर झील उदयपुर के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक बहुत ही शानदार झील है जो इस शहर के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। पहाड़ियों से घिरे शहर उदयपुर की ये झील अपनी सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जानी जाती है। यहां आने वाले पर्यटकों को ये झील एक अद्भूत शांति का एहसास कराती है। यहाँ के मोती मगरी रोड पर पर्यटक गाड़ी से फतेहसागर झील के पास आसानी से जा सकते है और यहां से पूरी झील के आकर्षक नजारे को देख सकते हैं। इसके अलावा दोपहर में शांति और सुंदरता का आनंद लेने के बाद बोटिंग भी कर सकते हैं।

सितंबर से मार्च के बीच रहती है पर्यटकों की भीड़

फतेहसागर झील शहर की चार झीलों में से एक है। यहाँ पर पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है। इस झील के रंग-बिरंगे पानी में बोटिंग का मजा लेने और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए शाम के समय बहुत ज्यादा भीड़ आती हैं। इस झील की प्राकृतिक सुंदरता और आकर्षण ने इसे खास पर्यटन स्थल बना दिया है।

अगर लोग उदयपुर की यात्रा करने आ रहे हैं तो इस झील की प्राकृतिक सुंदरता का मजा लेने के लिए जरुर यहाँ आते हैं। इस झील में बोटिंग करे बिना आपकी यहां की यात्रा पूरी नहीं हो सकती इसलिए अगर आप इस झील में घूमने के लिए आ रहे हैं तो बोटिंग का मजा जरुर लेना चाहिए।

शाम में जगमगाती लाइटों से चमक उठती है झील

अभी हाल ही में मैंने उदयपुर की यात्रा की है और इस झीलों की नगरी को बहुत ही नजदीक से सुकून के साथ देखा है। चाहे वो पिछोला झील रही हो या गणगौर घाट इन झीलों की सुंदरता और झीलों के बीच में बने महलों को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी अलग ही दुनिया को निहार रही हूं। लेकिन फतेहसागर झील में शाम का नजारा कुछ अलग ही एहसास करा रहा थी। शाम के टाइम इस झील के चारों तरफ इतनी ज्यादा लोगों की भीड़ थी की देखते ही बन रहा था यहां लोग सुकून की सांस ले रहे थे। पहाड़ियों से घिरी ये झील लोगों का मन मोह रही थी। किसी भी बड़ी टेंशन और थकान के बाद भी अगर लोग वहां जाकर बैठते हैं और रात की चांदनी और जगमगाती लाइटों के बीच पानी के बदलते रंग को निहारते हैं तो पूरी थकान मिट जाती है।

फतेहसागर झील का इतिहास

मूल रूप से फतेहसागर झील का निर्माण महाराणा जय सिंह ने वर्ष 1887 में किया था। ये झील तीन अलग-अलग द्वीपों में विभाजित है। जिसमें से सबसे बड़ा द्वीप नेहरु पार्क कहलाता है। इस जगह पर नाव के आकार का एक रेस्टोरेंट और बच्चों के लिए एक छोटा चिड़ियाघर भी स्थित है जो एक पिकनिक स्पॉट के रूप में काफी लोकप्रिय है। इस झील के दूसरे द्वीप में एक सार्वजनिक पार्क है जिसमें वाटर-जेट फव्वारे लगे हुए हैं। तीसरे द्वीप में उदयपुर सौर वेधशाला स्थित है। वेधशाला उस स्थान को कहते हैं जहाँ ग्रहों का वेध,नक्षत्रो और तारों आदि को देखने और उनकी दूरी, गति जानने का यंत्र होता है।

रिपोर्ट – गीता देवी 

 

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