फतेहपुर जिले के कोर्राकनक के निवासियों ने आरोप लगाया कि वे 20 सालों से झोपड़ी बना कर रह रहे हैं। कई बार प्रधान से आवास की मांग की गई है, परंतु आवास अब तक नहीं मिला है। चुनाव के समय, अधिकारी वोट मांगते हैं और वादा करते हैं कि आवास प्रदान किया जाएगा, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे इस मुद्दे को नज़रअंदाज कर देते हैं। प्रधानमंत्री का वादा है कि हर घर में पक्का मकान होना चाहिए, लेकिन आज भी कई लोग दर-दर की ठोकर खाकर आवास की तलाश में हैं। लोग बार-बार अधिकारियों के पास जाकर आवास की मांग करते हैं, लेकिन अमूमन उन्हें झूठे आश्वासन दिए जाते हैं और फिर वापस लौटा दिया जाता है।
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प्रधान कुंदन लाल शर्मा का कहना है कि ग्राम पंचायत कोर्राकनक ने 3 सौ का लक्ष्य तय किया था। पहली बार 36 लोग आए, दोबारा 52 लोग आए, और तीसरे लक्ष्य में 62 लोगों को आवास प्रदान किया गया। सभी उन लोगों को आवास प्रदान किया गया जिनके नाम सूची में थे और उनके आवास बन गए हैं। इसके अलावा 300 का दोबारा लक्ष्य तय किया गया है, जो लोग अभी झोपड़ी में रहते है, उनके नाम सूची में जोड़े गए हैं। वर्तमान में साइट बंद है, लेकिन साइट खुलने पर, उनके खाता नंबर प्राप्त किए जाएंगे और उनके खाते में पैसा जमा किया जाएगा, जिससे वे अपना आवास बनवा सकेंगे।
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