खबर लहरिया Blog Farrukhabad leopard attack: फर्रुखाबाद में तेंदुए के हमले से 14 लोग घायल, जंगल छोड़ गांव में क्यों आए तेंदुएं

Farrukhabad leopard attack: फर्रुखाबाद में तेंदुए के हमले से 14 लोग घायल, जंगल छोड़ गांव में क्यों आए तेंदुएं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तेंदुए को पकड़ने पहुंची वन विभाग की टीम को भी तेंदुए का शिकार होना पड़ा। तेंदुए को पकड़ने की कोशिश में तीन वन विभाग के कर्मचारी – घायल हो गए जिसमें सचिन कुमार, मोहम्मद ताबिश और वन रेंजर सिद्धार्थ दुबे का नाम शामिल है।

यूपी के फर्रुखाबाद में तेंदुए के हमले में दो छात्रों और तीन वनकर्मियों के साथ एक दर्जन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल होने की खबर सामने आई। यह घटना कल सोमवार 9 दिसंबर 2024 की बताई जा रही है। घंटों कोशिशों के बाद तेंदुए को बेहोश कर पकड़ लिया गया।

                                          सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार – अमर उजाला)

लेखन – सुचित्रा 

यूपी के फर्रुखाबाद में तेंदुए के हमले में दो छात्रों और तीन वनकर्मियों के साथ एक दर्जन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल होने की खबर सामने आई। यह घटना कल सोमवार 9 दिसंबर 2024 की बताई जा रही है। घंटों कोशिशों के बाद तेंदुए को बेहोश कर पकड़ लिया गया। यह घटना इस पर भी सवाल खड़ा करती है कि आखिर क्या वजह है जो ये जंगल के जानवर जंगल छोड़कर गांव में भटक रहे हैं? इस तरह की घटनाएँ सामने आ रही हैं। कहीं इसके जिम्मेदार हम या सरकार तो नहीं?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट से पता चला कि फर्रुखाबाद में सुबह तेंदुए ने 35 वर्षीय जितेंद्र सिंह राजपूत, एक घोड़े और स्कूल जा रहे दो बच्चों पर तेंदुए ने हमला कर दिया। जिसके बाद पूरा गांव दहशत में आ गया। जानकारी के अनुसार उन बच्चों की पहचान सुखदेव और शिवम के रूप में हुई है।

स्कूलों को किया गया बंद

जिला मजिस्ट्रेट डॉ. वी.के. सिंह ने बताया कि घायलों को लोहिया जिला अस्पताल में ले जाया गया। गांव में बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए आसपास के स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए।

तीन वन विभाग के कर्मचारी घायल

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तेंदुए को पकड़ने पहुंची वन विभाग की टीम को भी तेंदुए का शिकार होना पड़ा। तेंदुए को पकड़ने की कोशिश में तीन वन विभाग के कर्मचारी – घायल हो गए जिसमें सचिन कुमार, मोहम्मद ताबिश और वन रेंजर सिद्धार्थ दुबे का नाम शामिल है।

तेंदुए का इलाज और देखभाल

पकड़े गए तेंदुए का इलाज फर्रुखाबाद में चल रहा है। इसके बाद तेंदुओं की सुरक्षा और देखभाल के लिए तेंदुए को कानपुर के चिड़ियाघर ले जाया जाएगा।

जानवरों के बढ़ते हमले की वजह क्या?

जंगलों की कटाई और शहरीकरण

देश में विकास के लिए कई पेड़ और जंगल काटे जाते हैं जिसकी वजह से कई जानवरों का घर नष्ट हो जाता है। विकास के नाम पर जंगलों को इस तरह से ख़त्म करना मानव जाति के लिए खतरे की बात है। जानवर अपने खाने की तलाश में और रहने की तलाश में भटकते रहते हैं। जंगल न होने की वजह से गांव और शहर की ओर पलायन करते हैं। जानवर के इस तरह के हमले से घायल और लोगों की मौत की खबर सामने आती है। जिस तरह से हमारे सामने यूपी के फर्रुखाबाद की घटना सामने आई, ऐसी ही घटना इसी साल 2024 के सितम्बर महीने में देखने को मिली। जहां बहराइच जिले में भेड़ियों के आतंक से मौत के आंकड़े सामने आए। खबर लहरिया द्वारा ‘द कविता शो’ में जानवरों के इस तरह के बढ़ते मामले पर विस्तार से बताया गया है जिसमें आप इसके पीछे की वजह अच्छे समझ सकते हैं।

भेड़ियों के आतंक की पहली घटना यूपी के बहराइच जिले से सामने आई। जिसमें भेड़िये ने कई इन्सानों को घायल कर दिया था। धीरे धीरे भेडियो का आतंक अम्बेडकर नगर ,अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट में फैल गया। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कभी शेर, कभी चीता और कभी भालू को सार्वजनिक स्थानों पर देखा गया जिससे लोग दहशत में आ जाते हैं।

जलवायु परिवर्तन

जलवायु परिवर्तन भी एक तरह से बढ़ते मामलों का कारण है। कभी अधिक गर्मी तो कभी ज्यादा ठण्ड जिसकी वजह से जानवरों के खाने के लिए संसाधन कम हो रहे हैं। अधिक गर्मी पड़ने की वजह से कई बार आप ने सुना और देखा होगा कि जंगलों में आग लगने की खबर सामने आती हैं जिससे कई पेड़ जलकर राख हो जाते हैं। इसके साथ ही कई जानवर भी जंगल की आग में झुलस जाते हैं। जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण मनुष्य है और उनके द्वारा किया गया विकास जो पूरी तरह से प्रकृति को नुकसान पहुंचाने में जिम्मेदार है।

हालांकि यह घटनाएँ स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीम द्वारा नियंत्रित की जाती हैं, लेकिन वन्यजीवों के हमले रोकने के लिए हमें जंगलों की सुरक्षा और शहरीकरण के प्रभावों पर ध्यान देना होगा। इसके साथ ही जानवरों की सुरक्षा के बारे में भी सोचने की जरूरत है क्योंकि यदि वे जंगल छोड़ कर हमारी तरफ आ रहे हैं तो इसके जिम्मेदार भी हम ही हैं।

 

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