ऑल इंडिया किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर किसान बिल के विरोध में अलग-अलग राज्यों के किसान दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपने राज्यों से रवाना हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि नये कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ एक बार फिर से किसान संगठनों का आज दिल्ली में धरना प्रदर्शन होने वाला है।
आन्दोलन और भीड़ जमा करने की नहीं मिली इजाजत
हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल और पंजाब के किसान संगठनों ने एक आंदोलन करने का आह्वान किया है। हालांकि दिल्ली में किसी भी तरह के आंदोलन और भीड़ को एकत्रित होने से पुलिस ने इजाजत नहीं दी है। क्योंकि राजधानी में इस समय कोरोना का प्रकोप जारी है। जानकारी के मुताबिक नए कृषि विधेयक के विरोध में तमाम किसान संगठनों ने दिल्ली में 26 और 27 नवंबर को पैदल मार्च निकालने का ऐलान किया है। राजधानी दिल्ली स्थित जंतर मंतर में किसान बिल के विरोध में किसानों का दो दिन का धरना प्रदर्शन है।
#WATCH हरियाणा: कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसान कर्ण झील क्षेत्र के पास पर बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए। pic.twitter.com/cAaTlMhmca
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 26, 2020
किसान दिल्ली में जमा होते हैं तो होगी कड़ी कार्यवाई
किसानों का दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए भी पुलिस ने पूरी तैयारी की है। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में प्रदर्शन करने के किसान संगठनों की सभी मांग को ठुकरा दिया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के दौर में अगर किसान दिल्ली में जमा होते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
पंजाब-हरियाणा की सीमाएं हुई सील
हरियाणा में अंबाला के सादोपुर बॉर्डर पर पुलिस ने दिल्ली आ रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर बितर करने के लिये वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़े गये। बताया जा रहा है कि किसान पुलिस बैरिकेड को हटाकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने ये कदम उठाया।
#WATCH Haryana: Police use water cannons & tear gas shells to disperse protesting farmers headed to Delhi as they tried to break through police barricades at Sadopur border in Ambala pic.twitter.com/M22Wi6rblE
— ANI (@ANI) November 26, 2020
राशन बिस्तर लेकर धरने के लिए निकले किसान
समाचार पत्रों की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दिल्ली मार्च’ के लिए निकले किसान खाने-पीने के सामान और कपड़े लेकर आ रहे हैं। किसानों की मंशा है कि वे या तो ट्रैक्टर में रात गुजारेंगे या फिर नेशनल हाईवे के किनारे बनें कैंपों में ठहरेंगे। ऐसे में दिल्ली सीमा पर पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। इसके साथ ही फरीदाबाद और पलवल में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
सरकार ने अपील की है कि दो दिन तक दिल्ली बॉर्डर की तरफ जाने से बचें। पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा सरकार अलर्ट हो गई है। सरकार ने पंजाब और दिल्ली से लगती राज्य की सीमा पर पुलिस की सख्ती बढ़ा दी गई है। पंजाब के किसान हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचे हैं। किसान कई दिनों का राशन जैसे सब्जियां, वाटर टैंकर, लकड़ियां और साथ ही खाना बनाने वाले कई लोगों को लेकर साथ में आए हैं। किसान काफी गुस्से में हैं और उनका कहना है कि जहाँ सरकार किसानों के साथ ज्यादती करेगी वहीँ धरने पर बैठ जायेगे।
क्या हैं वो तीनों बिल जिनका किसान कर रहे विरोध
मोदी सरकार ने बीते दिनों संसद के दोनों सदनों से कृषि सुधारों को लेकर तीन अहम विधेयक पास कराए। ये तीन विधेयक हैं कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
मोदी सरकार का दावा है कि ये तीनों बिल किसानों के हित में हैं। इन विधेयकों के कानून बनने के बाद किसान अपनी उपज कहीं भी, किसी को भी और अपनी तय कीमत पर बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। लेकिन किसान यह कहकर विरोध कर रही हैं कि इनसे सिर्फ कॉर्पोरेट और बिजनेसमेन को फायदा होगा न कि किसानों का। अब आपके मन में भी सवाल उठ रहे होंगे कि अगर ये विधेयक किसानों के फायदे के लिए हैं तो फिर इनका विरोध क्यों हो रहा है?