जिला बांदा ब्लाक नरैनी कस्बा करताल में बुंदेलखंड पैकेज के तहत मंडी बनी हुई है। जिसमें किसान अपना गल्ला बेचते हैं। इस समय धान की खरीदारी जोरों से चल रही है। लेकिन किसान कभी लेखपालों के सत्यापन कराने के लिए तो कभी धान बेचने के लिए मंडी के चक्कर काट रहे हैं। किसानों का कहना है कि 15 जनवरी 2020 से वह मंडी में रह रहे हैं।
ठंड में दिनभर अपना गल्ला काटते हैं और रात में चौकीदार की देखरेख में धान छोड़कर घर चले जाते है। लेकिन इतने समय बाद भी उनका धान नहीं तौला जा रहा। तोलने के लिए सिर्फ एक ही कांटा है और कई गांव के लोग मंडी में धान की तौल के लिए आते हैं। उनका कहना है कि उन्हें खाद बीज के लिए पैसे की जरूरत है। सत्यापन के लिए तो एक-दो दिन में हो जाता है लेकिन धान मंडियों में काफी दिनों तक पड़ा रहता है। लोगों के अनुसार जब 12 जनवरी को मंडी में नया तहसीलदार आया तो उसने धान की तौल के लिए टोकन नंबर शुरू किया। साथ ही कहा कि जब तक एक धान की तौल नहीं होती, मंडी में दूसरा धान नहीं आएगा।
किसानों का कहना है कि अगर एक और कांटा हो जाए तो धान की तौल में आसानी हो जाएगी और उन्हें लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मंडी सोसायटी के अध्यक्ष का कहना है कि थोड़ा बहुत सत्यापन में दिक्कतें आई थीं। लेकिन वह देखते-देखते खत्म हो गई है। उनका भी किसानों की तरह यही मानना है कि एक कांटा और बढ़ जाए तो सभी को आसानी होगी।