जिला बांदा| मण्डल अध्याक्ष बैजनाथ अवस्थी कहते हैं कि संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर आज दिनांक 18 अक्टूबर 2021 को रेल रोको आंदोलन के तहत जनपद बांदा में सभी किसान पदाधिकारियों को घरों में नजरबंद किया गया। किसानों के आंदोलन से डरी सरकार ने घरों में ही किसानों को नजरबंद करने का काम किया है। आज जिस तरह से किसानों की आवाज को दबाने के लिए किसानों को घरों में कैद किया गया है उससे गांव-गांव के किसानों में आक्रोश बढ़ा है।
किसानों में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है। अगर आज किसानों को नजरबंद ना किया जाता तो आज भारतीय किसान यूनियन रेल चक्का जाम न करती। केंद्र सरकार को यह संदेश साथ देने का काम किया जाता है कि जब तक केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करके उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र में बैठी मोदी सरकार दोनों किसान विरोधी सरकार है। वह किसान की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। किसानों की आमदनी दुगनी करने का वादा करने वाली सरकार किसानों को कर्ज में डुबोकर पूंजी पतियों को बेचने का षड्यंत्र कर रही है जिसको भारतीय किसान यूनियन होने नहीं देगी। कितने भी किसानों की कुर्बानी देनी पड़े, कुर्बानी से भी किसान पीछे नहीं हटेगा।
आज 1 वर्ष होने जा रहे हैं आंदोलन को चलते जिसमें हजारों किसान अभी तक अपनी जान गवा चुके हैं। शहीद हो चुके हैं। आगे भी किसान अपनी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटेगा। 14 अक्टूबर से ही आज तक पुलिस की निगरानी मे हैं। बांदा के एसडीएम पैलानी व सीओ सदर ग्राम बरेठी ने महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार को सम्बोधित ज्ञापन लिया है।
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