जिला चित्रकूट ब्लॉक रामनगर बरहट गाँव बांधी के रहने वाले गोरेलाल गुप्ता कलाकार हैं। वह बचपन से ही कलाकार बनना चाहते थे। उनके पिता खेती-किसानी का काम करते थे। उनके राजापुर में कुछ कलाकार कलकत्ते से आते थे तो उन्होंने भी कलकत्ते में रहकर 5 सालों तक माता दुर्गा की मूर्ति बनाना सीखा। वह कहते हैं कि उन्हें मूर्ति बनाने में काफी ख़ुशी होती है और अंदर से विश्वास भी होता है।
ये भी देखें :
गोरेलाल बताते हैं कि मूर्ति बनाने के लिए 6 महीने की तैयारी लगती है। सबका मूर्ति बनाने का तरीका अलग-अलग होता है। जैसे इसमें बांस की पट्टी, मिट्टी और पेंट आदि चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता है। जब उनके पास मूर्ति बनाने का काम नहीं होता तो वह खेती करते हैं। इसके ही ज़रिये उनका परिवार चलता है। अभी लगातार उनका मूर्ति बनाने का काम चल रहा है जिससे उनका घर-परिवार बहुत खुश हैं।
वह कहते हैं उन्हें कलाकर होने पर काफी गर्व होता है। वह लगभग 6 फ़ीट की मूर्ति बनाते हैं। जो लोग पहले से ही मूर्ति के लिए आर्डर देते हैं वह उनके लिए ही मूर्ति बनाते हैं।
ये भी देखें :
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)