छतरपुर जिले के हरगोविंद अनुरागी की पुत्री मेघा अनुरागी को दहेज लोभी ससुराल वालों द्वारा 29 अप्रैल 2023 को फांसी लगा कर मार डालने का मामला सामने आया है। परिवार की कड़ी मशक्कत और भागदौड़ के बावजूद 25 मई को FIR दर्ज हुई और 31 मई को दो लोग गिरफ्तार हुए लेकिन अभी भी पीड़ित परिवार इस कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि उनके बयान के हिसाब से ना गिरफ्तारी हुई है और ना ही कार्रवाई की गई।
ये भी देखें – एक ही घर में हुई दो घटनाएं, नहीं हुआ खुलासा
28 नवंबर 2022 में खजुराहो के सेवाग्राम में रहने वाले नितिन अनुरागी के साथ हरगोविंद अनुरागी ने अपनी बेटी मेघा की शादी बड़े धूमधाम और हैसियत के अनुसार दान दहेज देकर की थी इसके बावजूद भी दहेज लोभी ससुराल वालों का पेट नहीं भरा और वह शादी के बाद भी दहेज की मांग करते रहे। मांग ना पूरी होने पर लड़की को मौत की नींद सुला दिया और खुद खुशी करने का बहाना कर दिया। इतना ही नहीं फांसी लगने के बाद जब महिला खत्म हो गई तो ससुराल वालों ने पुलिस को सूचना दिए बैगेर सीआरएफ महिला पुलिस कर्मी जो उनके घर में किराएदार हैं। उसके साथ लाश को फांसी से भी उतार लिया गया जबकि यह नियम नहीं है कि आप ड्यूटी कर्मचारी इस तरह का कदम उठाएं।
मृतक मेघा के परिवार वालों से शादी के पहले इंगेजमेंट के समय से ही ससुराल वालों की दहेज की डिमांड दिन प्रतिदिन बढ़ती गई और उन लोगों ने जिस चीज की मांग की जो सामान पसंद किया वही दहेज में दिया गया। जबकि दहेज देना और लेना दोनों गुनाह है।
ये भी देखें – शक के दायरे में बहू? चार लोगों की हत्या का मामला | जासूस या जर्नलिस्ट
सोचने वाली बात यह भी है कि लालच इतना बढ़ गया है कि लड़की की जान भी चली गई। यह भी पता चला कि जब मृतक लड़की का परिवार वहां पर पहुंचा था और उनको सूचना मिली थी तो लड़की बुरी स्थिति में थी जिससे वह दावे के साथ कह सकते हैं कि लड़की ने खुदकुशी नहीं की उसको मारा गया है क्योंकि उसके शरीर पर चोट के निशान भी थे लेकिन पुलिस ने ना तो कोई कार्यवाही की और ना ही पीएम रिपोर्ट की। पीड़ित परिवार को लगता है कि पुलिस पैसे पा गई है क्योंकि मृतक लड़की के ससुराल वाले पैसे और पावर दोनों से मजबूत हैं।
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’