इस समय गांव में आंख वाली बीमारी बहुत ज्यादा फैली हुई है। घर में एक व्यक्ति को आ गई तो बारी-बारी सबको अपने चपेट में लेगी। आंख बहुत दर्द होती है, आँख से पानी बहता है।
बरसात के मौसम में कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी का रिस्क बढ़ जाता है यही वजह है कि इस बार आई फ्लू ने लोगों को परेशान कर दिया है। आंखों में खुजली और चिपचिपा पानी आने के साथ ही रेड या पिंक आई वाली इस बीमारी से लाखों लोग जूझ रहे हैं। (आई फ्लू, जिसे “इन्फ्लुएंजा” या “फ्लू” भी कहा जाता है) आई फ्लू संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने, साथ में सोने, साथ में खाना खाने से, हाथ मिलाने से, गले मिलने से, उनके कपड़े जैसे तौलिया, रूमाल, गमछा, तकिया, बिस्तर आदि का उपयोग करने से और अपने हाथों से बार बार मुख, आंखें इत्यादि को छूने से फैलता है।
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आई फ्लू के लक्षण क्या हैं?
तेज बुखार
सिरदर्द
गले में दर्द और खराश
शरीर में थकान
निमोनिया और अन्य संक्रामक जटिलताएँ (गंभीर मामलों में)
यदि आपके पास तेजी से फैल रही आई फ्लू के लक्षण हैं, तो यह मामूली मामले से लेकर गंभीर मामलों तक की बात हो सकती है। आपको जल्दी से डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, खासकर यदि आपके लक्षण गंभीर हो रहे हैं या आपके शरीर में किसी अन्य संक्रामक समस्या की संभावना हो।
प्रयागराज जिले में यह फ्लू तेजी से बढ़ रहा है लोग घर में भी एक दूसरे से नजरें नहीं मिला पा रहे हैं, बच्चे स्कूल जा रहे हैं तो उन्हने वापस भेज दिया जा रहा है क्योंकि यह एक दूसरे के साथ होने से ज्यादा फ़ैल रहा है। प्रयागराज क्षेत्र के गांव और प्राथमिक विद्यालय शंकरगढ़ व शिवराजपुर क्षेत्र में यह बिमारी तेजी से अपनेपेअर पसार रही है। यहाँ के स्वास्थ्य विभाग को यहाँ जल्द की कैम्प लगाकर इलाज करना चाहिए।
गांव शिवराजपुर कुवारी नम्बर पांच की सुमन और शान्ति का कहना है इस समय गांव में आंख वाली बीमारी बहुत ज्यादा फैली हुई है। घर में एक व्यक्ति को आ गई तो बारी-बारी सबको अपने चपेट में लेगी। आंख बहुत दर्द होती है, आँख से पानी बहता है। किसी को देख नहीं पाते न चूल्हे में खाना बना पाते हैं। सबसे ज्यादा तो महिलाओं को दिक्कत है क्योंकि ज्यादातर गांव में चूल्हे में ही खाना बनता है उसका धुआं आँख में लगने से आँख ली लालिमा और दर्द और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
गांव लखनपुर कम्पोजिट विद्यालय सात बच्चे आई फ्लू के बीमारी से ग्रसित हैं। यहाँ के पढ़ने वाले बच्चे मोनू और साधना का कहना है कि जब आँख दर्द होती है तो स्कुल नहीं आ पाते। पढ़ने में बहुत दिक्क्त होती है जब भी पढ़ने के लिए किताब खोलो तो आँखों से पानी गिरने लगते हैं। ऐसे में कैसे पढ़ाई करें। ज्यादातर बच्चों की आँख लाल हो गई है। कुछ तो पढ़ने भी नहीं आते। शिक्षा विभाग को कहहिये की बच्चों को इस समस्या के प्रति जागरूक किया जाए। बच्चों का कहना है आँख चेक कराकर ड्राप लाते हैं थोड़ा ठीक होता है लेकिन एक दूसरे को देखने के बाद फिर वैसे ही हो जाता है।
शंकरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि इस आई फ्लू को ‘आँख का आना’ कहा जाता है। बरसाती मौसम में पहले भी आँख की समस्या देखी जाती थी, पर इस साल यह समस्या बहुत तेजी से बढ़ी है। जब आई फ्लू की बीमारी होती है, तब आंखों में खुजली, सूजन, लालिमा, आंखों के अंदर काटने जैसा चुभन, और आँखों में कीचड़ आता है। शंकरगढ़ क्षेत्र में आई फ्लू की बीमारी तेजी से फैल रही है और साठ प्रतिशत लोगों में यह समस्या फैल चुकी है। शुरूआती दिनों में एक दिन में डेढ़ सौ मरीज आए थे, अभी मरीजों की संख्या कम हो रही है।
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अगर आपको आई फ्लू के लक्षण हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें-
घर पर आराम करें: बुखार और अन्य लक्षणों के कारण, आपको पर्याप्त आराम देना महत्वपूर्ण है।
स्वस्थ खानपान: तरल पदार्थों का सेवन करने से आपके शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है।
हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पीना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और उसे ताजगी देता है।
संक्रमण से बचाव: आपको डॉक्टर की सलाह के अनुसार संक्रमण से बचाव के उपायों का पालन करना चाहिए, जैसे कि हाथ धोना, अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना, और लोगों से सुरक्षा दूरी बनाए रखना।
आई फ्लू उपचार क्या है?
1-आई फ्लू से दूरी बनाए रखने के लिए बर्फ से आंखों को सेक सकते हैं।
2-आंखों को पानी से धोने के लिए डंठा पानी का प्रयोग करें।
3–हाथ बार-बार धोने चाहिए और साबुन का उपयोग करना चाहिए।
4-काला चश्मा पहनना आवश्यक है। इससे दूसरे में फैलने की सम्भावना कम होती है।
5- आई मेकअप से दूरी बनायें। आई फ्लू में आई मेकअप ना करें। इससे संक्रमण बढ़ने का कटरा और बढ़ जाता है।
वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में फ्री उपचार उपलब्ध है और इस आई फ्लू के मरीजों की देखभाल के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। जहां पर अधिक मरीज होते हैं, वहां उपचार और जागरूकता का काम किया जाता है। हाल ही में लखनपुर विद्यालय में सात बच्चे आई फ्लू के प्रकोप से प्रभावित थे, और वहां पर उपचार किया गया था।
इस खबर की रिपोर्टिंग सुनीता देवी द्वारा की गई है।
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