लोकसभा चुनाव 2024: पाठा के इन बीहड़ों में डकैती का इतिहास तीन दशक पुराना है। जब यहां डकैत शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ आतंक का पर्याय बनकर सामने आया था। इसके बाद अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया उर्फ डॉक्टर ने भी यहां डकैती की और कई वारदातों को अंजाम दिया था। बात 22 जुलाई, 2007 की है। जब स्पेशल टास्क फोर्स ने ददुआ को मार गिराया था। इसके साल भर बाद 4 अगस्त 2008 को ठोकिया को भी मौत के घाट उतार दिया गया था।
ठोकिया के बाद इस गैंग की कमान सुंदर पटेल उर्फ रागिया ने संभाली थी। इस गैंग के दो मुख्य सदस्य बलखड़िया और राम सिंह गौड़ थे। 25 दिसंबर 2011 को मध्य प्रदेश पुलिस ने मारकुंडी में रागिया को भी मार गिराया गया।
वहीं 16 सितंबर को 7 लाख का इनामी डकैत बबली व उसका दाहिना अंग लवलेश मध्यप्रदेश के ददरी के जंगल में मध्य प्रदेश पुलिस ने मार गिराया था। इन डकैतों के सफाया के बाद 5 लाख 50 हजार का इनामी डकैत गौरी यादव जंगल में अकेला राज कर रहा था। उसे भी उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम अभिताभ एस की अगुवाई में 30 अक्टूबर 2021 में बहिलपुरवा के जंगल में मार गिराया गया।
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