हेलो दोस्तों, मैं हूं मीरा देवी। खबर लहरिया की ब्यूरो चीफ। मेरे शो राजनीति, रस, राय में आपका बहुत बहुत स्वागत है। पंचायत चुनाव या यूं कहें त्रिस्तरीय चुनाव की खलबली और तैयारी सोशल मीडिया में साफ तौर पर देखी जा सकती है। अब चुनाव का कार्यक्रम और आरक्षण सूची भी आ चुकी है। जल्द ही चुनाव प्रक्रिया शुरू होने वाली है। जहां प्रशासन पंचायत चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है वहीं पार्टियां चुनाव जीतने की रणनीतियां तैयार कर चुकी हैं और अब चुनावी मैदान में उतरने को पूरी तरह से तैयार हैं।
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वहीं आम जन जिनको मतदाता भी कह सकते हैं वह भी पूरी भड़ास निकालने को तैयार हैं भले ही बाद में दारू मुर्गा साड़ी चूड़ी के बल पर वोट कर दें। मंडलायुक्त, डीएम और एसपी ने अपने अपने स्तर से लोगों और जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मीटिंगस करते हुए कहा कि निर्वाचन के लिए सौपे गये कार्य एवं दायित्वों का भली-भांति निर्वहन करें। निर्वाचन ड्यूटी में लगाये गये सभी अधिकारी जिम्मेदारी को पूरी तरह निभाएं। निर्वाचन की घोषणा होते ही सभी अपने काम में जुट जाएं। सभी कार्य समय से पूर्ण किये जायें। किसी भी लढ़ की लापरवाही या हीलाहवाली बर्दास्त नहीं। आइए पार्टियों की तैयारी में नजर डालते हैं। पार्टियों ने जिले स्तर के पदाधिकारियों को पंचायत चुनाव को जीतने के लिए जिम्मेदारियां बहुत पहले से सौंप दी थीं। भाजपा, सपा, बसपा, आप और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लोगों के बीच अपनी पार्टियों का खूब गुणगान किया है। भाजपा की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सपा की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और वही अगर आम आदमी की बात करें तो दिल्ली की मुख्यमंत्री केजरीवाल की अच्छाइयां खूब गिनाई हैं।
वहीं कांग्रेस ने पार्टी का कैलेंडर बांटकर तो बसपा ने दलितों की मसीहा कही जाने वाली नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नाम पर लोगों से वोट देने की अपील की है। हैरानी की बात यह है कि इनके पास लोकल या अपने गांव क्षेत्र का कोई चेहरा दिखाने को नहीं मिला। आइये कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं। अगर बांदा जिले की बात की जाय तो त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 के निर्वाचन के लिए कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 469 है। मतदान केन्द्रों की संख्या 971 है। मतदान स्थलों की संख्या 2025 है। कुल सदस्य ग्राम पंचायतों के वार्डों की संख्या 153 है। कुल सदस्य क्षेत्र पंचायत के वार्डों की संख्या 750 है और कुल सदस्य जिला पंचायत के वार्डों की संख्या 30 है।
आपको बता दूं कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बांदा सीट ओबीसी और हमीरपुर सीट ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हैं तो वहीं चित्रकूट और महोबा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई हैं। इसीतरह बांदा जिले में ब्लाक प्रमुख आरक्षण सूची के अनुसार बड़ोखर – सामान्य, बिसंडा – सामान्य, महुआ – अनुसूचित जाति, नरैनी – पिछड़ा वर्ग, बबेरू – पिछड़ा वर्ग महिला, तिंदवारी – सामान्य महिला, जसपुरा – अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित की गई हैं। ग्राम पंचायत और वार्ड सदस्यों की आरक्षित सीटों की सूची बहुत लंबी है तो मैं उसको नहीं बता पाउंगी।
बहुत समय जाएगा। अपनी कवरेज के दौरान हमने पाया कि लोग यह भी बात कर रहे हैं कि इस बार चुनाव के कई नियम के बदलते नए नए चेहरों मतलब यूथ जनरेशन को ज्यादा मौका मिलेगा। इससे बहुत लोग खुश हैं और बहुत लोग नाराज़ भी। लोगों ने कहा कि यूथ आयेगें तो शायद है कि गांव की तस्वीर बदले और यह भी की जो पीढी दर पीढ़ी या एक ही व्यक्ति बार बार प्रधान बनता था उसमें बदलाव की संभावना है। वैसे आपको यह भी बता दूं कि पिछली पंचवर्षीय जरूर बीत गई लेकिन ज्यादातर गांवों की तस्वीर नहीं बदली।
अब नए क्या ये नए प्रधान, ब्लाक प्रमुख, जोला पंचायत अध्यक्ष उन गांवों की तस्वीर बदलेंगे?? शॉट 7: साथियों इन्हीं विचारों के साथ मैं लेती हूं विदा, अगली बार फिर आउंगी एक नए मुद्दे के साथ। अगर ये चर्चा पसन्द आई हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। लाइक और कमेंट करें। अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। बेल आइकॉन दबाना बिल्कुल न भूलें ताकि सबसे पहले हर वीडियो का नोटिफिकेशन आप तक सबसे पहले पहुंचे। अभी के लिए बस इतना ही, सबको नमस्कार!
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