महाराष्ट्र के सीएम के रूप में एकनाथ शिंदे आज 7:30 बजे शपथ लेंगे। वहीं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह सरकार में कोई भी पद नहीं लेंगे।
महाराष्ट्र के अगले सीएम के रूप में एकनाथ शिंदे शपथ लेंगे। इस बात का ऐलान खुद बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने किया। आज शाम 7.30 बजे एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बता दें, फडणवीस ने ये भी बताया है कि वो सरकार में कोई भी पद नहीं लेंगे लेकिन बीजेपी के बाकी लोग सरकार में मंत्री बनेंगे।
29 जून, यानी बुधवार को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था। बताया गया कि फ्लोर टेस्ट से पहले ही ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में सत्ता की उथल-पुथल के बीच राष्ट्र में दोबारा मंत्रिमंडल बनने की बात हो रही है। वहीं एकनाथ शिंदे के ट्वीट के अनुसार अभी मंत्रिमंडल पद के लिए बातचीत शुरू नहीं हुई है। उनका कहना है कि अभी इसपर बीजेपी से बात होगी।
भाजपसोबत कोणती आणि किती मंत्रीपदे याबाबत अद्याप कोणतीही चर्चा झालेली नाही, लवकरच होईल. तोपर्यंत कृपया मंत्रिपदाच्या याद्या आणि याबाबत पसरलेल्या अफवा यावर विश्वास ठेवू नका.
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 30, 2022
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मुझसे शिवसेना को कोई नहीं छीन सकता – उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने सीएम के पद के साथ-साथ विधान सभा परिषद की सदस्यता भी छोड़ दी है। अपने फेसबुक लाइव में उन्होंने पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की और ये भी कहा कि शिवसेना अभी है और मुझसे उससे कोई नहीं छीन सकता।
उद्धव ठाकरे ने आगे बाग़ी एकनाथ शिंडे गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने जिन रिक्शा वाले, चाय वालों को नेता को विधायक बनाया, उन्होंने ही हमें धोखा दिया। हमने उन्हें बातचीत का न्योता दिया, लेकिन वो वापस नहीं लौटे। उन्होंने कहा, हमने किसानों की क़र्ज़ मुक्ति माफ़ी के काम को पूरा किया। हमने उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया है। हमने औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने इस दौरान शरद पवार और सोनिया गांधी के नाम का भी उल्लेख किया।
उन्होंने आगे कहा, हमें कुछ नहीं चाहिए, बस आशीर्वाद चाहिए। सीएम पद छोड़ने का मुझे दुःख नहीं है। उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों का आह्वान करते हुए कहा, जो लोग (बागी गुट के विधायक) आ रहे हैं, उन्हें आने दिया जाए और किसी तरह का नुकसान न पहुंचाया जाए।
क्या है फ्लोर टेस्ट और क्यों होता है?
फ्लोर टेस्ट एक ऐसा प्रस्ताव है जिसके ज़रिये से यह जाना जाता है कि मौजूदा सरकार या मुख्यमंत्री के पास पर्याप्त बहुमत है या नहीं। यानी कि क्या कार्यपालिका (Executive) को विधानसभा (Legislature) का विश्वास प्राप्त है। यह एक संवैधानिक व्यवस्था है जिसके तहत गवर्नर एक मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कह सकता है।
उद्धव ठाकरे की सरकार ने फ्लोर टेस्ट न होने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की थीजो कि कोर्ट द्वारा खारिज़ कर दी गयी। जानकारी के लिए अब कल यानि 1 जुलाई को फ्लोर टेस्ट किया जाएगा।
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