खबर लहरिया Blog Maharashtra Political Crisis : SC ने शिवसेना के बागी विधायकों हेतु दिया सुरक्षा का आदेश, 11 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

Maharashtra Political Crisis : SC ने शिवसेना के बागी विधायकों हेतु दिया सुरक्षा का आदेश, 11 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

महाराष्ट्र राजनीतिक संकट मामले में आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सभी पक्षों को नोटिस ज़ारी कर 5 दिनों में जवाब देने को कहा है। वहीं शिवसेना नेता संजय राउत को पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में ईडी द्वारा 28 जून को तलब किया गया है।

क्रेडिट – swarajya

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने आज सोमवार को शिवसेना के बागी विधायकों जिनका नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहें हैं, उन विधायकों की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस ज़ारी कर 5 दिन में जवाब माँगा है। यह नोटिस डिप्टी स्पीकर, अजय चौधरी, सुनील प्रभु व केंद्र सरकार को भेजा गया है। वहीं इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।

आपको बता दें,एक ज़मीन घोटाले मामले में शिवसेना के नेता संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस भेज 28 जून को पेश होने को कहा है।

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डिप्टी स्पीकर को हटाने पर पहले हो फैसला

यह भी बता दें कि एकनाथ शिंदे की याचिका में डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की अस्वीकृति को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि डिप्टी स्पीकर द्वारा अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता देना अवैध है। यही नहीं याचिका में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 2/3 से ज़्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है और कहा है कि जब तक डिप्टी स्पीकर को हटाने से जुड़े मुद्दे पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक अयोग्यता नोटिस पर कार्यवाही रोक दी जानी चाहिए।

इसके अलावा शिवसेना के बागी विधायक भरत गोगावले ने भी याचिका दायर की है।

याचिका से जुड़ी ज़रूरी बातें

द क्विंट की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में कहा गया है कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाना गलत है।

– विधायकों के बहुमत ने भरत गोगावले को चीफ व्हिप नियुक्त किया है। वहीं अल्पमत (उद्धव ठाकरे कैंप) की तरफ से प्रस्ताव पारित कर सुनील प्रभु को चीफ व्हिप बनाया गया है जो की अवैध है। इस चीफ व्हिप की तरफ से ज़ारी आदेश का कोई मतलब नहीं है।

– उपसभापति किसी भी सदस्य को हटाने की मांग करने वाले प्रस्ताव के लंबित रहने के दौरान संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत किसी भी सदस्य को अयोग्य नहीं ठहरा सकते।

– नरहरि जिरवाल एनसीपी से इस्तीफा दिए बिना डिप्टी स्पीकर के रूप में कार्य कर रहे हैं और एनसीपी की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। शिवसेना के विचारक एनसीपी के विरोधी हैं इसलिए जिरवाल राजनीतिक रूप से पक्षपाती हैं। उनसे निष्पक्ष और निष्पक्ष निर्णय लेने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

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आदित्य ठाकरे ने पार्टी के टिके रहने की कही बात

जब महाराष्ट के मंत्री और शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे से पूछा गया कि उन्हें कितना विश्वास है कि उनकी सरकार नहीं गिरेगी। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, “हम जीत को लेकर आश्वस्त है। हमारे साथ सबका प्यार है। विश्वासघात करने वाले नहीं जीतते। जो भाग जाते हैं वे जीतते नहीं हैं।”

 

डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 11 जुलाई तक लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर जवाब देने का समय बढ़ा दिया है। पहले सभी विधायकों को आज शाम 5.30 बजे तक जवाब देना था। कोर्ट ने अब इसका समय 11 जुलाई शाम 5.30 कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को सभी 39 बागी विधायकों और उनके परिवार को सुरक्षा देने का आदेश दिया है।

संजय राउत को ईडी ने किया तलब

साभार – navbharat times

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना के सांसद संजय राउत को 28 जून को तलब किया गया है। वहीं संजय राउत ने ईडी के द्वारा उन्हें तलब करने को महाराष्ट्र में चल रही सियासी लड़ाई से जोड़ते हुए बदले की कार्यवाही बताया है।

ईडी के तलब करने का नोटिस मिलते ही संजय राउत ट्वीट करते हुए लिखते हैं, “मुझे अभी पता चला है कि ईडी ने मुझे तलब किया है। महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हो रहे हैं। हम, बालासाहेब के शिवसैनिक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मुझे रोकने की साजिश है। अगर आप मेरा सिर काट भी दें तो मैं गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाऊंगा।”

 

यह भी बता दें कि ईडी ने 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत पर बड़ी कार्यवाही की थी। ईडी ने अलीबाग में आठ ज़मीन का टुकड़ा और मुंबई के दादर में एक फ्लैट को कुर्की किया है जिसके मालिक शिवसेना सांसद संजय राउत और उनके परिवार के सदस्य हैं।

संजय राउत से पहले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के दो बड़े मंत्री जेल में सजा काट रहे हैं। जिसमें पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमूख और मंत्री नवाब मालिक शामिल है। सीएम उद्धव ठाकरे के साले श्रीधर पाटनकर और शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक की प्रॉपर्टी भी ईडी ने ज़ब्त कर ली है।

महाराष्ट्र में बढ़ते सियासी संकट का फ़िलहाल कोई अंत नहीं दिख रहा है। शिवसेना के बागी विधायकों का कहना है कि वह सीएम उद्धव ठाकरे पर से अपना विश्वास खो चुके हैं। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन के ज़रिये महाराष्ट्र पर शासन कर रही है। वहीं एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों द्वारा शिवसेना से अपना समर्थन वापस लेने की लगातार बातें भी सामने आ रहीं हैं।

बीबीसी द्वारा प्रकशित रिपोर्ट में बताया गया कि एकनाथ शिंदे का भाजपा से गठबंधन बनाने की सम्भावना है। वहीं भाजपा ने इस बात से पूरी तरह से इंकार किया है।

मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुका है व आज याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत अपनी अगली सुनवाई 11 जुलाई को करेगी। वहीं सियासी संकट में महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार बरकरार रहती है या ढह जाती है, यह सवाल बना रहेगा।

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