जिला महोबा ब्लाक जैतपुर के रहने वाले लोग गाँव में मिट्टी का तेल बंद होने की वजह से परेशान है। लोगों का कहना है कि मिट्टी के तेल की बहुत ज़रुरत होती। इसे सरकार को बंद नहीं करना चाहिए। गाँव में लगभग छह महीनों से मिट्टी का तेल मिलना बंद हो गया है। सिरमौर गांव के रहने वाले बद्री प्रसाद का कहना है कि अन्य तेल जैसे डीज़ल आदि ज़्यादा प्रदूषण फैलातें हैं।
इससे लालटेन जलाने पर रोशनी भी कम आती है और हानिकारक गैस भी निकलती है। जो की सेहत के लिए अच्छी नहीं होती। वहीं मिट्टी का तेल प्रदूषण नहीं मिलता। कम कीमत में मिल जाता है और घर में रोशनी भी करता है। गाँव के लोगों का कहना है कि गाँव में बिजली भी रोज़ाना नहीं रहती। इसलिए घर को रोशन करने के लिए मिट्टी के तेल का ही इस्तेमाल करते थे।
अब इसके बंद होने के बाद घर में सिर्फ अँधेरा छा गया है। मोहारी गांव के कल्लू कहते हैं कि अब लालटेन जलाने के लिए उन्हें खाना बनाने वाले तेल का इस्तेमाल करना पड़ता है। जिससे की तेल जल्दी खत्म हो जाता है। अगर मिट्टी का तेल मिलता तो इतनी समस्या नहीं होती। अन्य तेल बहुत महंगे होते हैं, जो वह खरीद नहीं सकते। सिरमौर गांव की गुट्टी कहती हैं कि उन्हें कोटे में मिट्टी का तेल मिल जाता था। तो शाम को घर में बत्ती जला लेते थे। सिरमौर के कोटेदार कोमल का कहना है कि जब उन्हें मिट्टी का तेल मिलता नहीं तो वह लोगों को तेल कहाँ से दे।