उतर प्रदेश। जिला वाराणसी, यहाँ जनवरी के इस महीने के लिए मशहूर डुडा हर साल कि तरह इस बार भी मिलना शुरु हो गया| क्योंकि लोगों का मानना है कि डुडा के बिना खिचड़ी का त्योहर अधुरा रहता है| जो कि हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है और इस की तैयारी पन्द्रह दिन पहले से शुरू हो जाती है और इस का स्वाद भी एक अलग होता है|
लालपुर की लता देवी और पाडेपुर की मनीष का कहना है कि यह डुडा खास इस लिये होता है कि यह एक साल में एक बार मिलता है और जनवरी में ही मिलता हैं| क्योंकि ये खिचड़ी के इस त्योहर के साथ साथ भाई बहन के प्यार के लिए भी फेमस है हर घर में अपने बहन को भाई डुडा ले कर जाते है बिना डुडा के कोई भी भाई बहन के यहाँ नहीं ज सकता| इस लिए इसका मान बनारस में ज्यादा होता है और किसी जिला मे लोग इसको नहीं जानते है| जैसे गाजीपुर इस का नाम नहीं है और इस के स्वाद के बारे में यह प्रसिद्ध है और इसको बनाने कि बिधी है जो देशी गुड और ज्वार के लावा, सोठ, बादाम और तिल्ल से बनता है| पहले यह डुडा सौ रुपया में पाच किलो मिलता था और आज की महंगाई को देखते हुऐ 80.रुपया किलो मिलता हैं| लेकिन फिर भी जनता लेरही है| क्योंकि साल में एक बार ये त्योहर होता है और फेमस डुडा भी मिलता है जो खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है और लोग खुशी के साथ खरीदते है|
-रिपोर्टर सुशीला देवी