तुर्रा ग्राम समूह पेयजल योजना की मेन राइजिंग लाइट फटने से बदौसा कस्बा समेत बरछा (ब) व दुबरिया गांव में पेयजल आपूर्ति पूरी तरह से बाधित है जिससे कि कस्बा वासियों को पेयजल हेतु मारामारी करनी पड़ रही है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक कस्बे में पेयजलापूर्ति तुर्रा पानी टंकी (तुर्रा पेयजल समूह परियोजना) द्वारा की जाती है परंतु पिछले दिनों जर्जर हो चुकी उसकी मेन राइजिंग लाइन फटने से कस्बे में पूर्णतः जलापूर्ति बाधित है जिससे पेयजल हेतु बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं काफ़ी लोगो ने नहाने धोने हेतु नदी का सहारा ले रहे हैं लेकिन पेयजल हेतु हैंडपंपों का ही सहारा लेना पड़ रहा है परंतु पेयजल लाइन होने के बाद कस्बे में बमुश्किल 4-6 हैंडपंप ही बचे जिनमें से कई में प्रदूषित व खारा पानी आ रहा है जिसके कारण कुछ ही हैंडपंपों पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने के कारण आपसी जद्दोजहद व मारामारी करनी पड़ रही है।
स्थानीय ग्राम प्रधानों ने अपने स्तर से शासकीय पानी के टैंकरों से पानी उपलब्ध तो करा रहे हैं लेकिन वह सिर्फ ऊंट के मुंह में जीरा साबित होने जैसा है क्योंकि इतने बड़े कस्बे में एक दो चक्कर पेयजलापूर्ति कर सिर्फ और खानापूर्ति की जा रही है।
पानी एक ऐसा तत्व है जिसकी ज़रुरत हर एक जीव को होती है और अगर उसी पानी के लिए घंटो इंतज़ार करने के बाद भी कुछ न मिले तो ऐसे में आप पानी की समस्या का अनुमान लगा ही सकते हैं | वर्तमान में जल संकट बहुत गहरा है। आज पानी का मूल्य बदल गया है और जल महत्त्वपूर्ण व मूल्यवान वस्तु बन चुका है। शुद्ध जल जहाँ एक ओर अमृत है, वहीं पर दूषित जल विष और महामारी का आधार।